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Showing posts from November, 2022

आधुनिकता बनाम अंधी दौङ

 आधुनिकीकरण  का युग है ... नासमझी का दौर है  आधुनिकता बनाम अंधी दौड़ ... आंखो पर काला चश्मा  कानों पर लगा हेडफोन  आङी- तिरछी कटी- फटी पोशाकें पहनने पर जोर है ... आधुनिकता का दौर है  समझदार हैं सब.. हर ओर शोर है  भागने की होड़ है .. तन- मन- धन  दांव पर लगाने की होङ है .... संस्कति- संस्कारों को बंधन मान  खुद को तबाही पर पहुंचा   जानवरों सा जीवन  जीने को मचाता शोर है .. आपस मे  ही कट- पिट कर  मर जाओगे .. जानवरों को पिंजरों में  कैद करने को आने को नयी भोर है ..

उचांइयां

आज बङी शान  से चलते हो जिन रोशन राहों पर .. उस रोशनी पर सिर्फ अपना हक नहीं समझना  कई  चिरागों ने जलकर स्वयं को स्वाहा किया होगा   उन राहों को रोशन करने के लिए  .. पहचान  तुम्हारी यूं ही नहीं  हवाओं मेॅ अपनी महक फैला रही है  कहीं किसी ने अपने जीवन  के कई वर्ष  लगा दिए होगें.. तुम्हें कामयाब  बनाने  और खुद कुछ नहीं सा खुश है  तुम्हारी पहचान मेॅ अपनी खुशी पाने के लिए  ... अपना क्या कुछ  भी नहीं अपने सपनों को  साकार किया है तुममे ..तुम किसी का सपना हो  किसी के संघर्षो  की किसी के अस्तित्व को पल- पल  स्वाहा होना पङा होगा .... आज वो जो तुम्हें कुछ नहीं से नजर आते हैं  तुम्हें तुम्हारे मुकाम तक पहुंचाने के लिए.. कितनी बार  झुके होगें तुम्हें उंचाई पर पहुंचाने के लिए  .. सदा आदर करना सम्मान देना   वो बहुत मिटे हैं तुम्हें कामयाब  बनाने के लिए  ... कई  बार  हंसी का पात्र बने हैं बेफिजूल के कामों को  मिसाल बनाने के लिए  ...

ऋषिकेश यात्रा

 ऋषियों की तपस्थली ऋषिकेश भारत का स्वर्ग..  जी हां आपको यकीन  नहीं होगा ..त्रेता युग में पांडवों ने यहीं से अपने स्वर्ग  जाने की यात्रा प्रारम्भ की थी... तो आइये आपको ॠषिकेश के पवित्र स्थलों की यात्रा करवाते हैं .... गंगोत्रि ... में गौमुख  से प्रवाहित मां भागीरथी अनेक पहाडी स्थलों से होती हुयी .. सर्वप्रथम  मैदानी स्थल ऋषिकेश से ही होकर  हरिद्वार आदि भारत  के अनेक  राज्यों में बहती है ... सर्वप्रथम  ऋषिकेश का त्रिवेणी घाट .. कहते .हैं त्रिवेणी घाट पर तीन  नदियों का संगम  होता है ..गंगा .अलकनंदा और सरस्वती इसलिए  इस घाट का नाम  त्रिवेणी घाट  रखा गया ... त्रिवेणी घाट  की संध्या कालीन  आरती बेहद ही अच्छी होती मन भक्ति के रंग में रंग जाता है .... त्रिवेणी घाट  आरती का दृश्य....

उत्तराखंड

 देवभूमि उत्तराखंड  की पवित्र  धरा पर स्थित  *धारी देवी मंदिर *  जय माता दी  उततराख राज्य का श्रीनगर शहर पवित्र  पहाडियों मेॅ स्थित  पवित्र  पूजनीय  सिद्ध देवी* एक बार  श्रद्धा से किये गये दर्शन मात्र से मां *धारी देवी मां* ऋद्धि  - सिद्धियों से झोली भर देती हैं....

देना सीखो

अपूर्णता से पूर्णता की चाह  मानों खाली गुल्लक में खजाने की खोज  सन्तुष्ट  जीवन का एक राज ... पाने की नहीं देनी की सोचो देना शुरू कर दो .. मांगने की आदत  छूट जायेगी  पौधों को जल दो  नदिया के जल को  दूषित होने से बचाओ  भूखे को अन्न  दो ... अशिक्षित लोगों को शिक्षित  करो  निसंदेह जो देना सीख गया .. वो कभी मांगेगा नहीं  क्योकि  वो वस्तुओं  का महत्व  समझ जायेगा  और पूर्णता का अनुभव करेगा ...  लेने से बेहतर  देना सीखो ... जीवन  में आगे बढना हो तो   देना सीखो ...प्यासे हो तो  नलकूप  लगाओ .. तन तंदुरुस्त  होगा मन तृप्त  होगा ..

ठहराव के लिए

बेवजह उलझता इंसान  जीवन  भर अटकता है  आगे बढने के लिए   भटकते मन के साथ   भटकता इंसान  जीवन भर भटकता रहता है  एक ठहराव  के लिए   जिद्द  हो आगे बढने की  कभी हार  ना मानने की  हर बाधा से ले जाने की रास्ते मिल  ही जाते हैं 

सुप्रभात

 *सुप्रभात* तन स्वच्छ हो  मन निर्मल  हो  शुभ साकारात्मक  व्यवहार  से  समाज को देते रहें खुशियों की सौगात **** गंगा जल की पवित्रता  तन पवित्र  कर जाये  गीता ज्ञान का प्रकाश  मन के भेद मिटाये ***** घूंट _ घूंट पी राम नाम   का अमृत  ,, मन वाणी अमृत  ही बरसाये...