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Showing posts from September 13, 2022

हिंदी शाश्वत भाषा

  हिंदी है वीणा के तार जिस पर सुर के सजे असंख्य तार  संस्कृत से उपजी ... वेदों की भाषा हिंदी है देवों की भाषा  हिंदी ने कई युग देखे संस्कृति को परखा सभ्यताओं को संजोया  हिंदी मेरी मातृभाषा मेरी पहचान  मेरी भाषा मेरा आत्मसम्मान  मां सी ममता मिलती है  जब - जब भावों को व्यक्त किया  हिंदी अपनी मीठी भाषा  शाश्वत सनातन पवित्र भाषा  विविध परम्पराओं और संस्कृति को जिसने सांचा  संस्कृत का सरलतम व्यवहार  हिंदी ने लिया आधार  हिंदी कहे दिव्य ज्ञान की बातें  अंकित हैं हिंदी में ही वेद, ग्रन्थ उपनिषद  रामायण ,श्रीमद भागवत गीता का दिव्य पवित्रम ज्ञान  मिलता है हिनदूस्तानी होने का सम्मान  हिंदी भाषा पहचान मेरी  भावों को जिव्हा पर लाने को हिन्दी  के मुझे शब्द मिले शब्दों ने मेरे विचारों को जब गढ़ा .पंखो ने ऊंची उड़ान भरी ...  हिन्दुस्तान में जन्मी हिन्दू हिन्दुस्तानी हुई  हिंदी की जिव्हा पर चढ़ी रस धारा हिंदी मेरी दिव्य भाषा ने गद्य - पद्य में संसार को दी अमृत रसधारा  धरती पर जब तक अस्तित्व रहेगा हिंदी भाषा का सुर्य अपने ओज से धरा पर अपनी संस्कृति का प्रकाश करता रहेगा.....

गणपति बप्पा मोरया

  Ritu asooja rishikesh  11 सितंबर 2022 को 8:20 pm श्री गणेश हम सब के ईष्ट हम सब के माता- पिता ..आप सब एक बार सोचकर देखिए आपके बच्चे किसी विशेष अवसर पर आपकी प्रतिमा लाकर उस पर खूब साज- सज्जा करके  बेहतरीन पुष्प सज्जा करवाकर बहुत अच्छे से कुछ दिन आपकी मूर्ति की पूजा - अर्चना कर ..पांच दिन बाद लाखों रूपए खर्च करके सिर्फ दिखावे के नाम पर .. आपकी... मेरी...   या किसी और किसी की भी मूर्ति ... या फिर हमारे ईष्ट देवी-देवताओं की मूर्ति ही क्यों ना हो ..तो सोचिए आपको कैसा लगेगा ... माफ़ करना छोटा- मुंह बड़ी बात कह दी .. मेरे शब्दों से किसी को आहत हुआ हो तो क्षमा प्रार्थी ... लेकिन ज़रा सोचिए .. जागरूकता अतिआवश्यक है ... श्री गणपति जी सर्वप्रथम पूजनीय ईष्ट हैं .. उनकी मन से पूजा- अर्चना कीजिए .. अच्छा सोचिए अच्छा करिए ..और सबका भलाई के काम करते जाइए .. निःसंदेह श्री गणेश सदैव हम सब पर अपनी कृपा दृष्टि बनाये रखेंगे ....    गणपति विसर्जन के समय गाते हैं –गणपति बप्पा मोरया , अगले बरस तू जल्दी आ ..मैं कहती हूँ हे देव अगले बरस आकर अपने भक्तों को समझाना भी कि उत्सव के साथ साथ सामाजिक शान्ति और नियमों