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Showing posts from January 22, 2022

गणतंत्र भारत के रक्षक कवच वीर सिपाही

 (वीरों का कवच ) वीरों का कवच देश को अमरत्व का वरदान है    वीरों का शौर्य अडिग हिमालय से भी दृढ़, इन्हीं से भारत माता के मस्तक पर अनन्त सूर्य मणियों  का तेज है शत्रुओं के भी कांपते वेग हैं  भारत मां के वीरों के होसलौं को नतमस्तक   मानों अखण्ड सुहागन सिंदूर बन  भारत माता के मस्तक पर लगा हर्ष पाते हों जी भर ... विरासत में जो मिली है भारतीयों को उच्च  संस्कारों की सम्पत्ति, निस्वार्थ भाव सेवा धर्म की भक्ति  मात्रभूमि के वीरों की संकल्प शक्ति   सिंह की दहाड़ ,शत्रुओं देती पछाड़ भारत माता के वीर जांबाज   हथियार उठा करते हैं स्वाहा .... शत्रुओं का होता अंत दाह सूर्य सा तेज है पर नहीं किसी से द्वेष  विश्व में भारत माता के वीरों की अपनी  विषेश पहचान है, वीरों का कवच देश को  अमरत्व का वरदान है    स्वर्णिम युग दे रहा है दस्तक  मेरा देश बदल रहा है,‌‌‌‌‌‌‌‌ज्ञान का दीपक  घर-घर  प्रकाशित हो रहा है  भाईचारे संग धरती को स्वर्ग बनाने का संदेश है  अद्भुत अतुलनीय स्वर्णिम संस्कृति  एवं संस्कारों का दिव्य तेज हमारा भारत देश है । दैविय गुणों से सम्पन्न भारत के वीरों का तेज है ।     

गणतंत्रता दिवस की शुभकामनाएं

गणतंत्रता दिवस की शुभकामनाएं  दिल से हर- पल निकलती हैं दुआएं सुख-समृद्धि से परिपूर्ण हों अनन्त दिशाएं  आओ भारत माता को अनन्त कोटी शीश झुकायें‌ गुनगुना रही हैं फिजायें..आओ भारत की  आजादी का जश्न मनायें  गणतंत्रता का सबको महत्व बतायें  देखो कोई गद्दार ना अब धमकाये  शत्रुओं से भारत का दामन बचायें‌  निस्वार्थ भाव से भारत माता की सेवा में समर्पित हों जायें  देखो अपनी स्वतंत्रता का सदुपयोग करना  गणतंत्रता को समक्ष रखकर सीमाओं का ना उलंघन करना देश पर जब कोई विपत्ति आये  रक्षा-कवच बन अड़ जाना लड़ जाना शहीद हो जाना  देश सुरक्षित कर जाना क्योंकि भारत से ही  अपनी पहचान स्वदेश भारत  ही देता है  भारतीय होने का स्वाभिमान  जीत भारत से गीत भारत से सुख समृद्धि का  साम्राज्य भारत से ..... नाक मुंह सिकोड़ रहा दुर्गंध कहां से आये  ऊपर से मटका चमका दिया,‌‌‌‌‌‌‌भीतर मैल‌ भराय ।।  ‌