आकाश का वसुंधरा को दुलार मानों प्रकृति पर लुटाती जी भर प्यार सुख-समृद्धि से भरपूर रहे प्रकृति का आंचल वसुंधरा की मिटाने को तपन सावन में फिर जी भर बरसी वर्षा की फुहार हरियाली का बिछा के कालीन वृक्षों पर लदी फलों की भरमार सुख-समृद्धि से भरपूर रहे वसुंधरा का संसार सावन में झूम-झूम बरसा आसमान से वर्षा की रस बहार आनन्दित वन कानन,बागों में हरियाली की कतार मानों प्रकृति लुटाती हो वसुंधरा पर जी भर प्यार...