चमत्कार क्या आप मानते हैं कि आज के युग में भी चमत्कार होते हैं ... जैसे सतयुग में होते थे .... "अनुभूति तो सबको होती है .. परन्तु जब तक अपनी आंखों से ना देखो या महसूस करो तब तक दिल नहीं मानता " चमत्कार #अद्भुत # अतुलनीय # रहस्यमयी शक्तियों को खोजते हुए वो बहुत आगे निकल आया था ...अब लौट कर जाना मुमकिन नहीं था ... रहस्यमयी बातों का आलौकिक खजाना मिल चुका था उसे .. परन्तु अभी और भी बहुत कुछ खोजना बाकी था .. *असंभव को संभव कर दिखाने की शक्ति की खोज * या यूं कहिए खोज अभी बाकी थी .. शक्ति की खोज क्योंकि खोज जितनी बढ़ती जाती थी ... गहराई उतनी बडती जाती थी ... रहस्य खुलते जाते .. और उत्सुकता बढ़ती जा रही थी .... अब आगे कौन से रहस्य खुलेंगे यह तो खोजने वाला ही जाने.....…..कहते भी हैं ना जिन खोजा तिन पाइयां #दिव्यता # #निरंतर एक यात्रा पर रहना संभव है क्या #- पर उसके लिए कुछ भी असंभव नहीं था ... उसने खोजा था दिव्यता को और भीतर संजो रखा था ...# ...