जब भी मीठे का मन करे मीठा बोल लिया करो ... मीठी बोली में जो मिठास होती है वो दुनियां के किसी मीठे में नहीं .. मिठाई तो बस मुंह मीठा करती है .. मुंह में स्वाद का रस घोल देती हैं .. मीठी बातों की मिठास कानों में भी रस घोल चेहरे पर चमक ले आती हैं ह्रदय में प्रेम रस घोल देती है ... मिठास अगर जुबान में हौ तो मिठास का रस अपने पास है. कड़वाहट मन में हो तो सब मीठे बेकार हैं ..