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Showing posts from July 25, 2021

ऊंचाईयों की ओर बढ़ते कदम

निकला था सफर पर  ठहरा आशियाना में  व्यस्त हो गया जमाने में  महत्वाकांक्षाओं की ऊंचाइयां पाने में  सफर पर था व्यस्त हुआ किस्से गुनाने में  उलझा बंधनों में लगा शिकवे- शिकायतें सुलझाने में  जिन्दगी भर भटकता रहा जिन खुशियों को पाने में वह जीवन ही बीत गया ठोकरें खाने में , सफर पर था भूलकर,समय गंवाता रहा   आज को गंवाकर अनदेखे कल को सूकून पाने के लिए  सारे सफर उलझा रहा कल को सुलझाने में... सफर के हर पल का आनंद लो  निसंदेह आये हो लौट जाने के लिए  उतार-चढाव ज़िन्दगी का हिस्सा हैं ठोकरें जीवन की परीक्षाओं का किस्सा हैं  अनुभव से जीवन जीने का सीखो ढंग  जीवन में बहुतेरे हैं रंग तुम स्वयं के  जीवन के चित्रकार हो ,मनचाहा रंग  जीवन को आकार दो ,चलो आगे बढ़ो जीवन के सफर के हर पल को संवार लो  ऊंचा उठने को तैयार हो,संकल्पों की सामर्थ्य को  स्वीकार लो, बन प्रेरणा आने वाले समाज को  भी नया आयाम दो ,जीवन के सफर पर बेहतर संस्मरणों को बांध लो हौसलों का ऊंचा मुकाम दो,सफर को कलाओं की  सुनहरी किरणों की स्वर्णिम पहचान दो, यादगार अमिट प्रेरणास्पद उच्च व्यक्तित्व की सकारात्मक उड़ान दो गर्वानुभूति का पैगाम दो  सफर पर