मां शारदे तुमको नमन शत्-शत नमन बारम्बार नमन मां शारदे तुम धरती का आप ओज हो प्रेम की रसधार हो दया भाव की चेतना तुम ह्रदयों में वेदना भटके ना कोई देना सदा संवेदना मां शारदे वरदान दो सद्बुद्धि संयम का भी दान दो भले- बुरे में भेद कर सके विवेक दो सदमार्ग पर चलते रहे खिलता रहे बुद्धि का चमन तुम बुद्धि में विकास हो तुम ओज हो तुम ज्योत हो तुम बुद्धि में विवेक हो मां शारदे तुमको नमन बारम्बार नमन नतमस्तक हो नमन मां शारदे तुम रसधार हो ह्रदयों में ज्ञान जयोत प्रवाह हो