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Showing posts from February 4, 2022

मां शारदे तुम ज्ञान का प्रकाश हो‌

मां शारदे तुमको नमन  शत्-शत नमन बारम्बार नमन  मां शारदे तुम धरती का आप ओज हो  प्रेम की रसधार हो दया भाव की चेतना  तुम ह्रदयों में वेदना भटके ना कोई देना सदा संवेदना मां शारदे वरदान दो‌ सद्बुद्धि संयम का भी दान दो  भले‌- बुरे में भेद कर सके विवेक दो‌  सदमार्ग पर चलते रहे  खिलता रहे बुद्धि का चमन‌  तुम बुद्धि में विकास हो  तुम ओज हो तुम ज्योत हो  तुम बुद्धि में विवेक हो‌  मां शारदे तुमको नमन बारम्बार नमन नतमस्तक हो नमन‌  मां शारदे तुम रसधार हो ह्रदयों में ज्ञान जयोत प्रवाह हो‌

मां शारदे तुमको नमन

मां शारदे तुमको नमन  शुद्ध बुद्धि का वरदान दो मां शारदे क्या करुं तुम्हें मैं अर्पण  निर्मल रहे सदा मन का दर्पण  मां शारदे सदा-सर्वदा करती रहो कृपा  करते हैं हम बस यही दुआ  निर्मल बुद्धि विवेक का का सद ज्ञान दो  विचारों में सरल विचारों का प्रवाह रहे  साकारात्मक का दिव्य प्रकाश सदा मिलता रहे  दान दो‌ दयाभाव, त्याग,समर्पण से कर्म करें ऐसा मान दो  हाथ जोड़ करूं मैं वन्दन मां शारदे तुमको नमन बारम्बार नमन‌   हे मां क्या करुं तुम्हें मैं अर्पण  नतमस्तक हो करूं स्वयं को समर्पण  मां शारदे तुम्हीं ही जीवन आधार हो  भावों का अद्भुत संचार हो,विचारों का अद्भुत संसार हो  तुम्हीं से जीवन प्रवाह है तुम्हीं से सब अविष्कार हैं  तुम्हीं से उन्नति तुम्हीं से प्रगति तुम्हीं विचारों में शक्ति  मां सरस्वती आप दिव्य हो, बुद्धि का श्रृंगार हो  विचारों का तेज हो, उत्साह का आगाज कर्मों में प्रत्यक्ष हो  तुम शाश्वत हो मां शारदे जीवन का वरदान हो  मां शारदे तुमको नमन नतमस्तक हो बारम्बार नमन ‌ ज्ञान का अमृत दिया विवेक की तुला अक्षय भंडार बुद्धि का कलश दिया  मां शारदे करना इतनी कृपा‌, सत्य मार्ग पर सदा चलें ‌‌  अभिमा

कोहरा

रात थी कोहरे भरी‌  देख कर आंखें रूकीं कुछ बात थी कोहरे में  चला मैं कोहरे में कुछ ढुढने  राहों में बादल थे भरे पड़े  यूं लगा मेरे कदम आसमान पर पड़ रहे  आसमां जमीन पर उतर आया  राहों ने ओढ़ी कोहरे की चादर ‌ गुम हुआ वादियों में कहीं  दुसरी दुनियां हो शायद कोई मानों तिलस्मी दुनिया की सैर पर   कुछ हसीन सपने सजाने  कुछ रहस्यमयी पाने‌ कोहरे की कहानी  अदृश्यता की निशानी  ज्यों अंखियों में रुका पानी  मैं भी गुम हुआ आंखों में धुआं हुआ  कोहरे के अश्रु मेरे संग आ गये मेरे वस्त्रों को सिराहाना बना गये ।।