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Showing posts from May 8, 2024

खिल रही चेहरे की कली

यूं ही बेवजह मुस्कराया करो माहौल को खुशनुमा बनाया करो जिन्दगी आपकी अपनी है इसे ना शिकवे शिकायतों में जाया करो..  गीत खुशी के गा रहा है कोई शायर हो गया है       दिल दिवाना हो गया है मन मस्ताना हो गया है।  ख्वाब जो मन में पले, क्या वो सच हो रहे,            देख तेरे चेहरे की खुशी, माहौल भी इतरा रहा।।  हवाओं में तू उड़ रहा, बादलों सा घिर रहा,      आज फिर नयी कहानी कहने को तू बहक रहा।। खिल रही चेहरे की कली, चर्चा है यह गली -गली  राज कुछ मन में छिपा, चेहरा तेरा बतला रहा।। चहक रहा,बहक रहा, पांव जमीं पर ना धर रहा, चल उड़ चले नये जहां मे,मोहब्बत का हो जहां आसमां।। मोहब्बत का हो जहां नया आसमां।।  चांद -तारों पर लिखेगें, मोहब्बत की नयी दास्तान आसमां से नूर बरसे, प्रेम हो जहां दिलों में भरा।- 2