Skip to main content

Posts

Showing posts from March, 2022

रंगमंच

चल आ अपना-अपना  किरदार निभाते हैं  औरों के लिए जीने की  वज़ह बन जाते हैं  चल आ किसी की खुशी की  वजह बन जाते हैं  किरदार में अपने असम्भव को  सम्भव करके दिखाते हैं। रंगमंच में, संसार के मनुष्य के किरदार की भूमिका  उम्र के दौर तक  भावों के चक्रव्यूह में उतार- चढ़ाव में विचारों के गोते खाती, लहरों से सम्भल कर  जो निकलती, तो ही सफल तैराक बनती  प्रेम, हास्य,रूदन, ईर्ष्या,  आदि भावों की गुथी  उलझती- सुलझती जीवन की  गाड़ी हर हाल में चलती  दुनियां के रंगमंच में  मनुष्य तेरे किरदार की भूमिका हर हाल ‌‌‌‌‌‌‌‌‌‌‌‌‌‌‌ में निभती आशा के दीप से उम्मीद की ज्योति  जब जलती रंगमंच में तेरे किरदार की  भूमिका सदा- सदा यादगार बन  अमर हो जाती ‌।

रंगों का अद्भुत संसार

  रंगों का अद्भुत संसार  यूं तो मुझे सारे रंग अच्छे लगते हैं किन्तु किस दिन कौन सा रंग पहनूं बढ़ी समस्या होती है  अब एक दिन लाल पहना था तो दूसरे दिन कौन से रंग के कपड़े पहनूं । हम भारतीय भी हर बात का हल निकाल ना जानते हैं  भारतीय संस्कृति स्वयं में अतुलनीय है  चलो सारी समस्या ही खत्म अब किसी को ज्यादा सोचने की आवश्यकता नहीं । हम भारतीय सोमवार को भगवान शिव का दिन मानते हैं ,और हमारे ईष्ट शिव शंकर तो भोलेनाथ हैं हमेशा ध्यान तपस्या में लीन रहते हैं । भगवान शिव के नाम पर पवित्र रंग श्वेत , यानि सोमवार का श्वेत रंग । मंगलवार ,मगल भवन अमंगल हारी राम भक्त हनुमान केसरी नंदन हनुमान जी का शुभ रंग , केसरी,लाल गुलाबी रंग मंगलवार का शुभ रंग । बुधवार ;-‌ज्ञान बुद्धि एवं समृद्धि सम्पन्नता व्यापार में लाभ के दाता भगवान विष्णु को नमन । समृद्धि का रंग हरा रंग । बृहस्पतिवार :- जिसे गुरुवार भी कहते हैं , ज्ञान बुद्धि को देने वाले गुरु को प्रणाम ,‌ वन्दना विद्या देवी सरस्वती जी को शुभ रंग पीला , श्वेत । शुक्रवार :- वन्दना मां लक्ष्मी देवी माता को भाता लाल‌ गुलाबी रंग प्रिय नमन शक्ति स्वरूपा देवी । शनिवार :

दिल की आवाज़ -2

 ऊंचे -ऊंचे पहाड़, घुमावदार रास्ते , गहरी खाइयां हसीन वादियां *पहाड़ों की रानी मसूरी* | *सिद्धार्थ और नंदनी* की शादी को अभी चार ही दिन हुए थे |     नई- नई शादी और पहाड़ों की रानी मसूरी की हसीन वादियों में नंदनी और सिद्धार्थ अपने शादीशुदा जीवन की नयी शुरुआत करने और एक दूसरे को‌ अच्छे से समझने को बहुत बेताब थे|       नंदनी की इच्छा थी कि वह शादी के बाद हनीमून मनाने पहाड़ों की रानी मसूरी जायें | जबकि सिद्धार्थ सिंगापुर जाना चाहता था |‌‌‌‌लेकिन सिद्धार्थ ने नंदनी की हर बात मानने की शर्त और उसे हर पल खुश रखने की जो ठानी थी,अब मसूरी जाना तो बनता ही था , सिद्धार्थ और नंदनी की आपसी मर्जी से यह तय हुआ था कि वो पहले ‌‌‌‌‌‌पहला हनीमून मसूरी में मनायेंगे | आखिर शादी के बाद पहली बार सिद्धार्थ और नंदनी कुछ दिन के लिए बाहर जा रहे थे| उनकी #जरूरत का सारा सामान# घर के सब| लोगों ने मिलकर गाड़ी में रखवा दिया था*   घर के सब लोगों का नये शादीशुदा जोड़े ‌को seeof भी करना जरूरी था | सिद्धार्थ सबको देखकर बोला होता है‌---- होता है, शूरू - शूरू ‌में बहुत प्यार लुटाया जाता है , खासकर नयी *बहू ... भाभी*... नंद* च

दिल की आवाज़..... Part (1)

 दिल कह रहा है...)         **** हाथ में सूर्ख लाल रंग का चूड़ा****  नयी-नवेली दुल्हन का पहला श्रृंगार उसके चेहरे की रौनक तो मानों "चौदहवीं का चांद" **** सिद्धार्थ और नंदनी की शादी को आज दो दिन हो गये थे , शादी के बाद की लगभग सभी रस्में हो गयीं थीं |  सिद्धार्थ और नंदनी अपने कमरे में आराम कर रहे थे | तभी सिद्धार्थ नंदनी का हाथ अपने हाथ में लेकर ..... नंदनी भी जानबूझ कर बोलो क्या कहना चाहते हो * सिद्धार्थ ‌, नंदनी आफिशियली हमारी शादी हो ही गयी ,..... नंदनी तो क्या ?  सिद्धार्थ नंदनी से...  मैं तुम्हें हमेशा खुश रखूंगा ,और मैं ... नंदनी क्या ?  सिद्धार्थ जल्दी सो जाओ कल पैकिंग भी करनी है , परसों हमें अपने पहले हनीमून के लिए पहाड़ों की रानी मसूरी भी जाना है | पहला हनीमून और दूसरा हनीमून कहां ?   सिद्धार्थ एक महीने बाद सिंगापुर में ......  सिद्धार्थ और नंदनी अपने जीवन की नयी शुरुआत की मीठी यादों में खो गये ....