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Showing posts from March 24, 2023

धवनि आकार भाषा आधार

*ईश्वर प्रदत्त ध्वनि आकार शब्द परणित हिंदी व्यवहार  व्यक्त विचार भावों का सार हिंदी शब्द लिया आकार * *हिंदी* हिन्दुस्तान की अमृतसर धार  वेद, ग्रन्थ, उपनिषद गीता का सार  हिंदी हिन्दुस्तान की आत्मा हिंदी का मीठा व्यवहार  हिंदी मात्र भाषा ही नहीं *हिंदी* हिन्दुस्तान की पहचान   हिंदी हिन्दुस्तान का गौरव युगों- युगों की शाश्वत भाषा है हिंदी,  हिंदी से ही विकसित हुई सभ्यता, संस्कृति का अतुलनीय गौरव है हिंदी  हिन्दुस्तान की आत्मा आत्मसम्मान है हिंदी  वेदों की जननी संस्कृत भाषा का सरलतम व्यवहार है *हिंदी *  सभ्यता की पहचान है हिंदी * सौभाग्यशाली हूं जो हिन्दुस्तानी होने का सम्मान मिला  हिंदी भाषा से‌ मुख का श्रृंगार हुआ .. आत्मा में मानों  अमृत रसधार मिला, हिंदी में जब- जब भावों को व्यक्त किया दिव्य ज्ञान का अद्भुत भण्डार मिला .. हिन्दुस्तान की शाश्वत सनातन परम्परा सर्वप्रथम वसुन्धरा पर सभ्यता का विस्तार हुआ .... वेदों का रहस्यमय ज्ञान.. आज के वैज्ञानिक युग की कसौटी पर लोहा मनवाता.. गीता, रामायण सिखाते जीवन जीने की कला  .  अद्भुत, अतुलनीय शाश्वत सरलतम मीठी भाषा हिंदी मेरा आत्मसम्मान मेरी भाषा

महादानी

प्रकृति महादानी फिर भी ना अभिमानी  प्रकृति पर आश्रित प्रकृति पर निर्भर  ए मनुष्य  तेरी जिन्दगानी  प्यास बुझाता दरिया का पानी  अन्न खेतों का जीवन प्राण हरियाली  कहती किसानों के पसीने की कहानी.. प्रकृति से मैंने देने का गुण सीखा, देने वाला सदा, प्रसन्न और तृप्त रहता है । जहाँ कहीं भी निस्वार्थ सेवा होती है मैंने उनके खजाने स्वयमेव भरते देखे है। वृक्षों की भाँति अपनी शरण मे आये को फल,फूल, शीतल वायु ,देते रहो... दरिया की भाँति निरन्तर आगे बढ़ना जीवन के सफ़र में संग तो कुछ जाना नहीं तो क्यों ना कुछ ऐसा कर चलें कि हमारे जाने के बाद भी हमारे कर्मों की खुशबू हवाओं में रहे ,कुछ ऎसे चिन्ह छोड़ते चलते हैं ,की दुनियां हमारे चिन्हों का अनुसरण करें । जीवन एक सराय ,हम मुसाफ़िर जीवन को भरपूर जियो पर अच्छे और बुरे  विवेक के संग ।।। आओ अपने किरदार में सुन्दर रंग भरे । स्वयं की लिये तो सभी जीते हैं , हम किसी और के जीने की वजह बन जाएं किसी के काम आ जाएं ,स्वयं के जीवन को दूसरों के लिए प्रेरणापुंज बनाएं ।