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Showing posts from April 9, 2023

तरकारी की तैयारी

करनी थी तरकारी की तैयारी  पहुंची सब्जी मंडी ...देखी   सब्जियों की भीङ  भारी  हरी - पालक ,तोरी लौकी  गोभी ,मटर, शिमला मिर्च ,भिडी भागों वाली ...  उछल- उछल कर आलू बोला खोलो - खोलो  थैला खोलो   हमको जी भर कर ले लो  मैं मन.ही मन बोली..  अरे रहने दो आलू  आलू खा- खाकर  हो बन जाऊंगी भालू .. गोभी आलू  मटर आलू   दम आलू के सब खूब लेते चटकारे  पूरी संग आलू.. आलू अहो भाग तुम्हारे   बैगन आलू  शिमला मिर्च  आलू  डालो मुझे कहीं भी डालो .. सब्जी का भाव बढा लो .. बच्चों के प्यारा आलू के चिप्स  आलू का परांठा मन भाता चेहरे पर आ जाती रौनक ..  ... गोल-गोल टमाटर   करने लगा पटर - पटर  मेरे बिन क्या स्वाद भाजी का खट्टा चटपटा मैं भी हूं हर भाजी का राजा  आजा - आजा मुझको भी डाल थैले मैं  स्लाद का मैं स्वाद बढा दूं  भाजी का भाव बढा दूं ... हरा धनिया देख बन जाते सब बनिया  हरी मिर्च का तीखापन ...  जीभ चटोरी  स्वाद ढूढती चटपटा भोजन ... हर तरकारी लागे प्यारी  भूख मिटाती सेहत बनाती  तरकारी संग कर लो यारी  स्वास्थ्य  धन की संजीवनी हमारी ...

परियों की घाटी

दिल  को अच्छा सोचने की आदत हो ..आंखो को अच्छा देखने की.. मन में शुभ  भावना हो तो दिखती हैं परियां ....देवलोक  से जो आती हैं .. उतरती हैं यहां परियां .. किस्मत  वाले ही देख पाते हैं ..इन परियों को ..  पहाङों की गोद में ..आसमान के उस पार  ..बादलों के उङनखटोले पर परियों के देश में ... हम चले सपनों के सुन्दर जहां में .. उतरेगें अब परियों की घाटी में ...