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Showing posts from May 25, 2023

प्रकृति सम देव नहीं ..

  प्रकृति देवो भवः .. प्रकृति सम देव देव नहीं प्रकृति साक्षात देव  यत्र प्रकृति पूज्यन्ते तत्र देवता रमणयंते प्रसन्नचित्त रमते ..