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Showing posts from September, 2023

राधा अष्टमी की बधाई

श्री राधा नाम  जीवन का सार  राधा अष्टमी स्वयं सिद्ध लक्ष्मी अवतार  दिव्य अवतार  धरा पर बधाई हो बधाई  नाम अमृत कर विश्वास  नाम से जोङे जो मन के तार  जीवन का जाने वो सार  श्रद्धा से नाम का ह्रदय कर विश्वास  सिदध् होवे नाम रहस्य आभास  राधा नाम जिह्वा पर आया  राधा नाम से अमृत रस भर आया  राधा नाम  भव पार  उतारा  राधा नाम  भव सागर  सारा  राधा नाम  की मन जोत जलायी  मन मंदिर उजियारा भर आया  बाहर भीतर मन  मुस्काया  राधा नाम  मीठो ऐसो  मुख घोले मिश्री सो जैसो  पकङ राधा नाम की पतवार   फिर ना डूबे भक्त  कभी मझधार  राधा नाम भव सागर पार उतारे  राधा नाम  बङी कमाई  जिस जन राधा नाम संग लौ लगाई  तिस जन दुनियां जहां की दौलत पायी .... राधा नाम की जब बहती ह्रदय धारा  धारा से हो जाती राधा .......2 राधा नाम  की धारा  राधा की धारा  धारा में श्री राधा ....

घराना एक ही है हमारा

घराना एक ही है हमारा, एक ही घर है हमारा  एक ही घर से आये हैं ,एक ही जगह जाना है    एक घर हमारा ,बहुत ही प्यारा बहुत  ही न्यारा  सजाना संवारना इसे ही है ,यही अपना ठिकाना  एक ही घर से निकलें हैं .एक घर को लौटकर आना है  तजुर्बों का भरना खजाना है ...कुछ  बेहतर दे जाना है  कुछ बेहतर ले जाना है ..सफर में हंसना और मुस्कराना है  कुछ बेहतर किस्सों के अद्भुत फसानों की सौगात छोड़ जाना है   एक ही हमारा घराना है , एक ही हमारा याराना है  एक ही हमारा तराना है ,एक ही जगह से आना और  फिर लौट जाना है  अलग- अलग राहों से होकर  गुजरना है .. तजुर्बों का बुनना ताना और बाना है  मनुष्यों की प्यारी धरती पर मनुष्यता की छाप छोङ जाना है  दुनियां की राहों में अपनी मंजिल  अलग- अलग  बनाना.है अपने घर लौट जाना है ,यही जिन्दगी का फसाना है  जिस  घर से आये हैं ,उस घर को लौट जाना है कुछ  करके दिखाना है यही जीवन  का फसाना.है 

हिन्दी स्वयं मां सरस्वती का आशीर्वाद है..

हिन्दुस्तान में मेरा घर संसार  है  हिन्दी से मुझे प्यार  है  हिन्दी ही मेरा आधार  है. हिन्दुस्तान में मेरा घर संसार  है  हिन्दी ही मेरी पहचान है हिन्दी में ही मैने पहला शब्द बोला  हिन्दी में मैने अपने भावों को दिल खोल के बोला  हिन्दी में मैने मुस्कराना सीखा ,हिन्दी में मैने गुनगुना सीखा  हिन्दी की ऊँगली पकङकर मैने, अनगिनत रिश्तों को सींचा  हिन्दी मेरी मातृ भाषा मां तुल्य पूजनीय है  हिन्दी मेरी मातृ भाषा मेरी मां ही तो है  हिन्दी में ही मुझे विभिन्न विषयों का ज्ञान मिला .. अपनी मातृ भाषा को भूलकर अगर  हम सर्वप्रथम किसी  ओर भाषा को स्थान  देते हैं.तो यह स्वयं की मां का अपमान  ही होगा ...भाषायें सभी अच्छी हैं .लेकिन  हिन्दी तो अद्भुत,  अकल्पनीय, अनमोल है ... हिन्दी विश्व की प्राचीनतम भाषा है  हिन्दी में ही वेद ऋचाएं एवं विश्व के अनमोल ग्रन्थ  वर्णित हैं  जिनके अनुवाद  बाद में अन्य भाषाओं में हुआ ... हिन्दी ज्ञान  का सागर है ... हिन्दी ही सर्वप्रथम, एवं सर्वश्रेष्ठ  भाषा है ,हिन्दी देवताओं की दिव्य भाषा है ....  हिन्दी स्वयं मां सरस्वती का आशीर्वाद है..

कुछ लोग हमारा भी नाम गुनगनायेगें

कुछ  लोगों में कुछ  लोग हमारा भी नाम  गुनगनायेगें ,जिद्द है हमारी भी अंधेरी जिन्दगियों में  विश्वास की उम्मीद की नयी किरण जगा जायेगें  खुद जलकर भी जहां को रोशन कर  जायेगें   जीवन को जीने की कला सिखा जायेगें   बहती नदिया के सामान है जीवन  रुकता नहीं बस चलता है  जीवन को जीना पढता है  जीवन आपका इंतजार नहीं करता  आप ही रुके रह जाते हैं  जीवन  तो बस चलता है आगे की ओर   तुम रुके हो सही वक्त  ..का इंतजार  कर रहे हो  लेकिन वक्त  निकल. जाता ..और हम हाथ मलते  रह जाते हैं ...कोसते रहते हैं वक्त को  वक्त  तो वक्त  है .जिसका काम  है आगे बढना  उठो आगे बढो  ....हर वक्त बेहतरीन है जब उठकर  आगे बढ़कर कुछ कर लिया तुमने ...वही वक्त  सही है इंतजार किसका, आप रूके हो सब चल रहा है  फिर  ना कहना मेरा समय सही नहीं था .. समय तो वही था ,पर क्या करे हमारा इरादा ही  सही नहीं था , इरादों को पक्का किजिए जनाब   आगे बढिये, सब कुछ  हाथ से निकल  जायेगा  जीवन  भी आखिरी मुकाम  पर खङा हो सांसे लेते  कहेगा मेरा समय भी आ गया मैं भी चला... कितने आये और गये गुमनामी के अंधेरे में गुम हम जलते चिराग  है ,खुद जलकर भी जहां को रोशन

भारत माता.की जय.

 हमने तो बचपन से जो सुना है, जाना है,  हिन्दुस्तान, का प्रचीन नाम  भारत ही है. अंग्रेज जब भारत में आये तो उन्होने भारत को India.नाम  से भी सम्बोधित किया ... मतलब की अंग्रेजी में India ..और हिन्दी में हमारी हमारी मात्र.भाषा में.भारत और हिन्दुस्तान नाम  हैं ..... तो इसमें राजनीती करने की आवश्यकता नहीं ...India माता की जय तो.बोलेगा नहीं ....भारत  माता की जय ही बोलेगें....

श्री कृष्ण जन्माषटमी उत्सव

  श्री कृष्ण जन्माष्टमी का उत्सव* यशोदा के लला गपियों के गोपाल मुरलीधर , छलिया भक्तों के केशव,मनमोहन श्यामसुंदर ,माधव जिसने जिस -जिस नाम से पुकारा कृष्ण दामोदर हो गए उसके प्यारे अनन्त,अद्वितीय अलौकिक,निरांकर मुझमें ही समस्त सृष्टि का सार सुव्यवस्थित करने को सृष्टि पर आचरण और व्यवहार मुझ अद्वितीय शक्ति को पड़ता है ,धरती पर अवतार श्री राम -सीता ,राधे-कृष्ण नामों का आधार धरती पर सकारात्मक ऊर्जा का संचार भादों की कृष्ण जन्माष्टमी पर पर श्रद्धा ,विश्वास ,और प्रेम से मनाया जाता है , का हो उद्धार भाद्र पद की कृष्ण अष्टमी को मनाया जाता है  कृष्ण जन्माष्टमी का त्यौहार  मुबारक हो सभी को श्री कृष्ण जन्माष्टमी का त्यौहार........

धरती से आकाश तक का सफ़र चंद्रयान- 3

 परिचय... पात्र... बेटा नाम आकाश... पिताजी अवनीश कुमार... मां आरती देवी.... बेटा ....मां से मै बङा होकर वैज्ञानिक बनूँगा ... और चांद पर जाऊंगा ... मां ...मेरा प्यारा बेटा .... तुम्हें बहुत सारा आशीर्वाद...पहले तुम  भोजन तो कर लो ...तभी तो होशियार  बनोगे ....  बेटा नाम आकाश....  खाने से होशियार  ....मां काम को ध्यान  से करूंगा तब उस चीज की बारीकियां समझूँगा तब होशियार  बनूंगा .... मां ..नाम  आरती .... बहुत  बङा हो गया है तू ...गाङी भी तभी चलती है जब उसमें पेट्रोल डलता है.... मै जानती हूं मेरा बेटा बहुत  मेहनती और लगनशील है....  तुम्हारी दृढ इच्छा-शक्ति तुम्हे चांद  क्या अंतरिक्ष तक पहुंचायेगी .... पिता अवनीश.... बेटा तुम  अपने काम पर ध्यान  दो ...तुम्हारी मां तो तुम्हारी मां है ....इसे तो दिन - रात  बस खाना ..खाना ही पता है ... आकाश...मां बस मेरा बारहवीं का परिक्षा पत्र आ जाये फिर तो मैं श्री हरिकोटा जाऊंगा ....  मां ..आरती...हां बेटा जरूर जाना ...भगवान  का आशीर्वाद  तो बहुत  जरूरी है .... अवनीश...अरे भाग्यवान  श्री हरिकोटा मे वैज्ञानिक अनुसंधान है ... जिसका नाम  है इसरो ....हमारे राष्ट