राधिका अरे ! रुचिका .. तुझे तो खुश होना चाहिए.. तुझे राष्ट्रीय पुरस्कार मिला है .. रुचिका :- हां पुरस्कार .. आज एक और मैसेज आया है विश्व स्तरीय पुरस्कार का .. राधिका :- अरे वाह! रुचिका .. तुम्हारे तो मजे ही मजे हैं ... रुचिका :- क्या मजे राधिका .. ऐसे ही थोड़े मिल जायेगा मुझे पुरस्कार .. रजिस्ट्रेशन फीस जमा करानी पढेगी ...और अगर फीस जमा नहीं करायी तो पुरस्कार नहीं मिलेगा .. राधिका :- तो फिर करा ले रजिस्ट्रेशन .. रुचिका :- राधिका इस बार दिल नहीं मान रहा ... यह तो पैसे देकर पुरस्कार लेने जैसा हुआ ... राधिका :- रुचिका तो तुम अपने पहले पुरस्कार से खुश नहीं हो क्या ? रुचिका --; खुश तो मैं हूं .. क्योकि इतना तो मुझे यकीन है ..कि मैने जो भी कार्य किया वह बेहतरीन है . .लेकिन जाने क्यों मन में ग्लानि के भाव हैं .. ऐसा लग रहा है पुरस्कारों का बाजार लगा हुआ है ..अपना नाम दो और कुछ नियम पालन करो और ...