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Showing posts from October 27, 2024

लोग मुझे कहते हैं जोकर

लोग मुझे कहते हैं जोकर  गुजारें हैं बहुत पल रो-रोकर  खाकर बहुत सी ठोकर.. बहुत घायल हुआ हूं-- सम्भला हूं...  अब मन कहता.. है!  खुशी है तेरी जो करना है, वो कर!  पाने को खुशी, रोया नयन धो-धोकर - -  अब खुशियों के पीछे नहीं भागता -- खुशीयां मेरे संग रहती हैं  लोग मुझे कहने लगे हैं जोकर-- मेरा मन कहता है - -  तू जो कर वो कर-- मन में जो आये-- वोकर - -  अब जो मन में आता है मैं वो करता हूं  खोकर सब कुछ पा गया हूं बहुत कुछ  कहता हूं - मन तू जो- कर - वो कर.. फिर चाहे  कोई कहे तुझे लाख जोकर...  खाकर अनगिन ठोकर बन गया हूं जोकर.. खुश हूं - -  लोगों को हंसने के बहाने देता हूं - -  कयूं कर गुजारुं जीवन रोकर  अब कहता हूं मन तू जो करना है वो कर  कहने दे जमाना जो कहे तुझे जो जोकर  तुझसे है जमाना, जमाना से तू नहीं  तेरा वजूद है तेरी शक्सियत -  तू खुशकिस्मत है, तेरी साफ है नियत  अब मैं बेफिक्र मुस्कराता हूं, हर दर्द मुस्कराहट में छिपाता हूं  दर्दों ने मेरा साथ कभी ना छोड़ा  मैने दर्दों को अपना ...

चलती रेल

चलती रेल  अद्भुत मेल बढाती लोकाचार  समाजिक व्यवहार  यात्री सवार  आवश्यकता आधार  सुहानी डगर  ताके इधर- उधर  मंजिल किधर   अन्जाना सफर  जीवन सरक संसार आनंद प्रकृति देवानंद  सुर उपजे  गाते गीत  दिल पीर  ख्वाब जंजीर  मन अधीर  नामुमकिन मनमीत  आशा दीद  चक्षु नीर  मुख प्रसन्न  दिल पीर  अद्भुत कला  बाहर आकर्षण  भीतर जंजाल  भाव कोलाहल  सविकृत सत्य  मन भेद  जीवन संक्षेप  तालमेल  सब खेल   चलती जीवन रेल  यात्री सवार  सफर यादगार  कर इकरार  ना इंकार  कर्म आधार जीवन सार...