Skip to main content

Posts

Showing posts from April 28, 2023

अर्जुन का लक्ष्य

कौन भटकायेगा हमें हमारी राहों से  हम सत्य प्रेम की करूणा की शिक्षा से शिक्षित हैं  श्रीकृष्ण के वंशज अर्जुन सा लक्ष्य रखते हैं  लक्ष्य हमारा सत्य धर्म है  ध्येय हमारा निस्वार्थ प्रेम है दुविधाओं से बचकर निकलना  हमारा नित नियम है .. लाख प्रलोभन मन को भटकाते  हैं .. कल किसने देखा भरमाते हैं .. हम भी बस मन ही मन मुस्कराते हैं  सत्य धर्म के रक्षक आज भी पूजे जाते हैं .. सुनकर  सबकी करते मन की हैं  विवेक की चाबी भी संग रखते हैं .. स्वार्थ  की राहें भरमाती हैं  हमें हमारे लक्ष्य  से डगमगाती हैं  हम भी द्रोणाचार्य के वंशज हैं  अर्जुन से शिष्य हैं एकलव्य से प्रेरित हैं कर्ण से दानवीर  हैं  भरें हैं कूट- कूट कर हम में भी  मर्यादापुरुषोत्तम, श्रीकृष्ण  भगवान के  चरित्र हैं .. कैसे टूट  जायेगें भीतर  है  बहुत  ठूके हैं ..तभी तो आज बाहर  से निखरे  हैं  कौन भटकायेगा हमें हमारी राहों से  सत्य  प्रेम की करूणार्द्र की शिक्षा से शिक्षित  हैं  प्राण जाये पर वचन ना जाये  सत्य कर्म ही पूजा से प्रेरित   स्वर्णिम साहित्य सम्पदा से मालामाल हैं .. गिरते हैं सम्भलते हैं सम्भल- सम्भल कर  अपने हौसलो बुलंद  करते ह

शहजादे

हम शहजादे हैं  प्रकृति मां के प्यारे  वसुंधरा मां के लाडले  प्रकृति से पालित- पोषित हंसते -गाते हैं नील गगन तले जीवन का वैभव पाते हैं आकाश  में असंख्य  तारे टिमटिमाते हैं  चंदा की चांदनी में शीततलता का सुख पाते हैं  आंखो को कितने प्रिय लगते हैं सारे  वसुंधरा पर अद्भुत नजारे हैं  प्रकृति से हमारे प्रिय नाते हैं प्रकृति ने हमें जी भर के वैभव दिया हैं  रहने को वसुनधरा का आसन दिया उङने को खुला आसमान है  शुभ भावों के भव्य समुंद्र का ज्ञान  दिया  विचारों के ऊंचे शिखर हैं  इस पार  से उस पार को  जाने को है धरा का भव्य  वैभव है  हरी- भरी वसुन्धरा पर जीवन को जीवंत  करती  अन्न प्रसाद अमृत जल का आधार  है .. क्यों ना करें हम प्रकृति का सम्मान   प्रकृति से ही हमने जीवन  का भव्य वैभव पाया .. प्रकृति से हम जीवंत है प्रकृति से समृद्ध हैं  प्रकृति मां के लाडले हैं  प्रकृति का संरक्षण  हम करते हैं ..