शिकारी की बहादुरी से घायल हुये थे शेर बहुत. भेजे थे संदेश घेरे पङे थे शत्रु ध्यान रखना था माना की तुम्हारा भी बहुत दबदबा था चल रहे थे बङी होशियारी से तुम भी .. घायल था जो .. दर्द में कराह रहा होगा उसका दर्द उसे चैन से रहने कहां दे रहा होगा भीतर घुस कर..कर दिया उसने भी एनकाउंटर ...