रोना बंद करें स्वयं को सक्षम बनाइए ** मेरे एक मित्र ने मुझे कहा कि मैं किसी की वजह से बहुत दुःखी हूं । मैंने उसके साथ कभी भी बुरा नहीं किया ,उसने मेरे साथ इतना बुरा क्यों किया ,मैंने उसका क्या बिगाड़ा था । उसने जो कुछ भी बुरा किया है ,ना उसका फ़ल उसे भगवान देगा ........... एक पल को तो मैं अपने मित्र की बातों से भावुक हो गई ,बड़ा दुःख हो रहा था मुझे उसकी स्थिति देखकर ...... फिर मैंने सोचा एक तो यह पहले ही दुःखी है , मैं इसका दुःख कम करने की बजाय बढ़ाने का काम करूं ,नहीं -नहीं यह ठीक नहीं होगा ........... मैं अपने मित्र की हर बात बड़े ध्यान से सुन रही थी,वो इसलिए नहीं की मैं उससे सहमत हूं ,वरन इसलिए कि वो अपने दिल की सारी भड़ास निकाल दे और अपना दिल हल्का कर ले...... मेरा मित्र इतना दुःखी हो रहा था मानों...आगे कोई उपाय ही ना हो .... इतना सारा शब्दों का जहर उसके मुंह से बातों के रूप में निकल रहा था , कि सारी धरती जहरीली हो जाए ,उसने मेरे साथ बुरा किया ,उसका भी कभी भला नहीं होगा उसने धोखे से हमसे सब कुछ छी...