किससे क्या शिकायत करूं, मेरी हर एक शिकायत पर एक दावा होगा उन दावों का हिसाब देने का समय नहीं। जानती हूं मैं एक शिकायत गिनवाऊंगी अनेकों शिकायतों से मैं घिर जाऊंगी कौन सी बात किस के लिए नाराज होने की वजह होगी, यह मैं भी नहीं जानती मेरी अच्छी बात भी, मेरे लिए सजा होगी। ढूढ लेगें लोग कमियां जाने किस -किस बात पर मेरी हर बात ही शिकायतों का राज होगी। शिकायतें उससे करूं जो समझने के काबिल हो वरना शिकायत करना भी मेरे लिए गुनाह होगा और जो अपना होगा वो शिकायतों का मौका ही नहीं देगा।