किसी भी मनुष्य की पहचान उसके व्यवहार से ही.होती है हम व्यवहार में जन्मते हैं ,व्यवहार में जीते हैं हमारा व्यवहार ही हमारे जीवन की रुपरेखा तैयार करता है व्यवहार किसी भी मनुष्य का अस्तित्व होता है व्यवहार हमारा व्यक्तित्व एवं पहचान होता है व्यवहार हमारे भावों में निहित होता है व्यवहार हमारे संस्कार का दर्पण होता है अच्छे व्यवहार की खूशबू से हमारा व्यक्तित्व निखरता है व्यवहार को ना साधारण जानों व्यवहार किसीभी मनुष्य का अस्तित्व होता है व्यवहार कुशलता भी एक गुण है व्यवहार में समता,.सद्भावना हमारा परिचय समाज से कराता है ... व्यवहार को साधारण ना समझना व्यवहार हमारा परिचय समाज के समक्ष रख हमारा व्यक्तित्व बतलाता है ... व्यवहार किसी भी मनुष्य के चरित्र का स्वरूप होता है ।