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Showing posts from July 5, 2023

मेघों का बसेरा

मेघों का बसेरा  पर्वतों की शिखाओं पर  किया मेघों ने बसेरा  नयनों को आनंद देता है यह दृश्य  प्यारा  वर्षा  ऋतुराज  प्रकृति ने फिर सजाया साज  वर्षा ऋतु की फुहार   पर्वतों की शिखाओं में कोहरे ने सजायी है बारात   नाचता -खेलता अठखेलियाँ करता  कोहरा मनमोहक आकृतियां बनाता  मन को लुभाता बादलों का समूह   वसुन्धरा पर आकर्षित अपना प्रेम लुटाता  ओस के नन्हें कण मानों मोती बन केशों पर  खूब इठलाते और कहते देखो हम तुम्हारे लिए  आसमान से जमीं पर उतर आये अश्रु बन तुम पर प्यार लुटाये  ओह ! आसमान  में काले बादल घिर आये  आज फिर जी भर के बरसेगें बादल काली घटाओं ने है घेरा डाला वो देखो बिजली चमकी लगता है वसुन्धरा को तपता  देख आज  फिर  नील  गगन गुस्साया है  बरसेगें बादल जी भर के उसके अंक में बेहद का जल जो समाया है .. बरसी आसमान से वर्षा हरी- भरी हुई प्रकृति  हरियाली चहूं और तृप्त नदियां जलाशय चहूं ओर पक्षी चहकते कोयल के मधुर स्वर  मन को हर्षाते वर्षा ऋतु की फुहार आ गयी फिर से बहार आयी .... मस्ती की खुशियां घुमङ-घुमङ बरस आयी  ..