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Showing posts from November 2, 2023

सुनहरी भाषा

 परिचय मेरा बस यही  निशब्द, शब्दों की सुनहरी भाषा  छोटी सी डिबिया में बङी अभिलाषा  खुलते ही डिबिया निकले बङी -बङी आशा  निशब्द, शब्दों की सुनहरी भाषा  कही पर अनकही ... मौन फिर भी ... बहुत कुछ कहती अद्भुत अभिलाषा  गति सीमित, उङान भरती..फिर  थम जाती  फिर उङान भरती... दिन- प्रतिदिन उङान   विकसित  करती ...जानने को सारा जहां .. विस्मित, अचंभित, अद्भुत, अकल्पनीय  परिचय से दिव्यता को धारण करती  निशब्द, शब्दों की सुनहरी भाषा. सीमित गतिविधियों में अद्भुत गतिमान  अपनी उङान भरती मन की आशा  संकल्पों से सिद्ध करती ,ज्ञान, विज्ञान के रहस्यों  पर अपनी पैनी नजर से ,अद्भूत चमत्कार करती  दिव्य भाषा ..मन के भीतर की आलौकिक भाषा ... भाषा जो कुछ ना कहकर भी कह जाती मन की आशा  निशब्द, शब्दों की सुनहरी भाषा ...

संसार

माना की यह संसार हमारा है  जीने का आधार हमारा है  जहाज में संसार सागर के हम वृहद  की सैर करते हैं ... यह तो बहुत ही न्यारा है  दृश्य बहुत ही प्यारा है  नदियों में प्रवाहित कल- कल जल है आकाश भी सुनाता कहानी है  टिमटिम चमकते सितारे हैं  कहते कुछ जुबानी हैं  वृक्षों की ऊंची कतारें हैं , मीठे फलों का अमृत है  खेतों में अन्न की खेती है  जीविका की अद्भुत कहानी है  जीवन को सारे साधन हैं  मुस्कराने को प्रकृति प्रफुल्लित है ... महकाने को सुगन्धित पुष्प हैं पर्वतों की ऊंची चोटियों में श्वेत हिम की चादर है ..स्वर्णिम श्वेत किरणों से भव्यतम, अद्भुत दृश्यम है सोचने को सुन्दर सपने हैं  जाना की संसार हमारा है.. जीने का आधार हमारा है