*** स्वस्थ मन**** कहते हैं स्वस्थ तन में स्वस्थ मन का वास होता, निसंदेह सत्य भी है। आज के आधुनिक युग तन के स्वास्थ्य पर बहुत ध्यान दिया जा रहा है, जैसे योगा, व्यायाम आदि सही भी है। आजकल कई तरह की फिटनेस क्लासेस भी जलायी जा रही हैं.. बैलेंस डाइट पर भी जोर दिया जा रहा जो निसंदेह अति उत्कृष्ट कार्य है। लेकिन आज की भागती-दौड़ती जिन्दगी मनुष्य अपने दिलों दिमाग पर एक प्रेशर लेकर जी रहा है। दिमाग में बहुत बोझा है लिए जिये जा रहा है , पूछो तो कहते अपने लिए समय कहाँ है, यहां मरने तक की फुर्सत नहीं है। अब मेरी जगह होते तो क्या करते? मैंने - - मेडिटेशन करना सीखा अपनी आंखे बंद की, और सासों पर ध्यान केन्द्रित किया फिर मन की आंखों से जो नजर आया अकथनीय था अब तो मैं दिन-प्रतिदिन अपने नेत्र मूंद कुछ मिनट निकल पड़ती मन के भीतर की यात्रा को... भीतर की शांति ने मुझे सम्भाल लिया उसके मेरा विचलित होना कम हो। मन के भीतर गहन शांति है जब मैने यह जाना तो उसे बांटना शुरु कर दिया... मेडिटेशन मन की शांति के लिए अमू...