Skip to main content

Posts

Showing posts from June 18, 2023

पापा आप हंसते हो तो हर दिन त्यौहार हो जाताहै

घर का वो शक्स यानि (पिता) पापा जी  घर के अन्य सदस्यों की अपेक्षा  अक्सर वो कम बोलता है !  बेफालतू की बातें करना उन्हें पसंद नहीं   वो बिना बात नहीं हंसता  घर के अन्य  सदस्य जब बिना बात  ठहाके लगाते हैं  मजाल है !  जो उसके चेहरे पर  हंसी आ जाये..उल्टा उन्हें  ही डांट देता है .. बच्चे अपने पापा को फुसफुसाते हुए गम्भीर सिंह .●मिलट्री  मेन,यहां तक की हिटलर भी कह देते हैं  कभी- कभी उस शख्स को खड़ूस भी कह जाता है -----' कभी किसी ने जानने की कोशिश की उस शख्स की गम्भीरता में छिपे दवाब को .पहचानने की ...नहीं ना ...काश की होती  समय कहां उसके पास बेफालतू में हंसने    वो चिंतित रहता है परिवार के लोगों के भविष्य  के लिए ..  अच्छे से अच्छा सुविधापूर्ण जीवन देने के लिए  ...  अब फर्ज  हमारा बनता है घर के अन्य सदस्यों का..  घर के! *मुखिया पापा* को खुश रखने का उन्हें हंसाने का ! माना थोङा अकङ  दिखाएगें ..पर अपने परिवार की खातिर   पापा भी ठहाके लगाकर हंस जायेगा क्योंकि पापा अकङू नहीं  ऐसा लगता है एक ही काम को करते- करते मानों पापा अब उसी दुनियां में रच- बस गये हैं ..उनकी रीढ की हड्डी में  लचीलापन कम

मां तुम भी ना ..

.. मां तुम  सब छिपा कर रख देती हो  मां तुम्हारी रखी कोई  चीज तो हमें मिलती नहीं  पता नहीं कौन से कोने में छिपा देती हो  मां कहती है ..!   कभी कुछ सही जगह पर तो रखा है तुमने ऐसा करो एक नजर का चश्मा लगवा लो ! उम्र तो मेरी बढ रही है  !  .इतने में पापा खिसियाए   बोले क्यों डांटती हो मेरी बेटी को ..जरुरत  पढने पर  मुझे भी तो कहां मिलती है तुम्हरी रखी कोई  चीज ~~~~ मां << बोली दोनों बाप बेटी एक जैसे हो कभी कुछ  सही जगह पर रखा हो तो बताओ सब कुछ  अस्त-व्यस्त सा पढा रहता है  मैं ना सम्भालूं कोई  चीज तो कबाङी का घर लगेगा  बेटी पापा को देख ..अब क्या करूं पापा  पापा मन ही मन इशारे से मम्मी को मना  क्यों बिन बात उलझती है मां से.. सारा घर  सम्भालती है ..बहुत बढा मैनेजमेंट है गृह कार्यों  का मेनेजमेंट आसान नहीं ..घर के प्रत्येक सदस्य की  विभिन्न  जरुरतों को पूरा करते- करते मां अपना ख्याल तो  रखना भूल जाती है ..घर के प्रत्येक सदस्य सुव्यवस्थित सुविधा  देने हेतु स्वयं अव्यवस्थित सा जीवन जी लेती है .वो मां है कुछ   कहती नहीं ..सबकी सुनती है ..पर अपनी कहना तो भूल  जाती है..वो मां है सबके  ख्याल में