घर का वो शक्स यानि (पिता) पापा जी घर के अन्य सदस्यों की अपेक्षा अक्सर वो कम बोलता है ! बेफालतू की बातें करना उन्हें पसंद नहीं वो बिना बात नहीं हंसता घर के अन्य सदस्य जब बिना बात ठहाके लगाते हैं मजाल है ! जो उसके चेहरे पर हंसी आ जाये..उल्टा उन्हें ही डांट देता है .. बच्चे अपने पापा को फुसफुसाते हुए गम्भीर सिंह .●मिलट्री मेन,यहां तक की हिटलर भी कह देते हैं कभी- कभी उस शख्स को खड़ूस भी कह जाता है -----' कभी किसी ने जानने की कोशिश की उस शख्स की गम्भीरता में छिपे दवाब को .पहचानने की ...नहीं ना ...काश की होती समय कहां उसके पास बेफालतू में हंसने वो चिंतित रहता है परिवार के लोगों के भविष्य के लिए .. अच्छे से अच्छा सुविधापूर्ण जीवन देने के लिए ... अब फर्ज हमारा बनता है घर के अन्य सदस्यों का.. घर के! *मुखिया पापा* को खुश रखने का उन्हें हंसाने का ! माना थोङा अकङ दिखाएगें ..पर अपने परिवार की खातिर पापा भी ठहाके लगाकर हंस जायेगा क्योंकि पाप...