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Showing posts from September 18, 2021

पर्वत राज हिमालय

पर्वत राज हिमालय विशाल  अडिग खड़ा विहंगम  असंख्य झुंडों में ऐरावत संग सिंघम  हिमालय राज का शासन देखो  रक्षा प्रहरी सा अडिग विहंगम  भारतवर्ष की शान बढ़ाता  हिम खण्डों‌ का अद्भुत वक्षस्थल  असंख्य भुजाऐं फैला  पर्वत राज हिमालय    हिम+आलय   ओढे चांदनी की चादर   ‌‌  कांति से चमचमाता आभामंडल में साकारात्मकता फैलाता   सूर्य किरणों से सुनहरा बन  स्वर्णिम -रजत कांति से मन मोह  दिल लुभाकर हर्षित कर जाता   पर्वत राज हिमालय भारतवर्ष की शान बढ़ाता   ढाल बन दुविधाओं के प्रहार को  कठोर वक्षस्थल से टकरा-टकरा  दम तोड़ चूर -चूर कर जाता  भारत भूमि को सुख समृद्धि से  खुशहाल बना गिरीराज हिमालय  भारत का ताज बन भारतवर्ष का गौरव बढाता‌।