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Showing posts from May 11, 2024

खुशी

अपनी खुशियों की चाबी अपने संग रखना किसी ओर के हाथ मत देना..   अपनी खुशियों के मालिक स्वयं बने रहना।  खुशी जीवन का सुन्दरतम श्रृंगार है, खुशी अपनत्व का मीठा एहसास है।  खुशी मन का भी सौंदर्य है। खुशियों की चाबी बाहर नहीं  मन के भीतर छिपी होती है, चाबी को ढूढकर, खुशियाँ खोज लाना यही तो जीवन का आधार है।  फिर क्यों ढूढते हो खुशी को इधर-उधर खुश रहने का मंत्र तो आपके पास है। नहीं निर्भर हमारी खुशी किसी पर  हम तो खुद खुशी का पर्याय हैं  हमें देख लोग बिन बात मुस्करा जाते हैं। प्रकृति से मिला सुन्दरतम उपहार है। 

भ्रम

भ्रम में जी रहे हैं सभी बिन बात का भ्रम ,  डर का भ्रम , भ्रम ही भ्रम में  उलझनों का भ्रम  अनहोनी का भ्रम  धोखे का भ्रम  झूठ का भ्रम  अपवाद का भ्रम  निंदा का भ्रम  द्वेष का भ्रम  षड्यंत्र का भ्रम  भ्रम से खत्म हुआ, जीवन का आनन्द ।  भ्रम एक मायाजाल,मन का कोलाहल  भ्रम जागती आंखों का दु:स्वप्न  भ्रम एक नाकारात्मकता सोच..  भ्रम हर लेता मन की शुभ सोच..  भ्रम के अंधेरे से बाहर निकलो  तभी होगा साकारात्मक सोच का सवेरा  भ्रम है रात का अंधेरा,   भ्रम की नींद से जागो तभी होगा  साकारात्मक सोच का सवेरा।। 

मेहरबानी

मेहरबानी मांगनी है, तो परमात्मा प्रेम से मांगों  परमात्मा के आशीर्वाद की मांगों.. उसी की मेहर से  ही है यह धरती,यह आसमां....  मेहरबानीयों का मंजर, उसकी अथाह है    प्रकृति बिना किसी भेदभाव के सबको दे रही है।  हम तो बस रोते रह गये, सामने दरिया था  फिर भी प्यासे रह गये।  मेहरबानी तो स्वयं पर स्वयं की करनी है, विवेक से जीवन की गुत्थियां सुलझानी है।  मेहरबानी ही तो उसकी है,की हम सक्षम हैं,  हम सवंचछ हैं, हम बुद्धि, बल, विवेक से भरपूर हैं  दिया ऊपर वाले ने जी भर के दिया है,  हमें लेना ही नहीं आया तो वो क्या करे।।  थोङा प्रयास करना है, समक्ष खजाने भरे पड़े हैं,  उपयोग करने की विधि सीखनी है, वो सदा से ही  मेहरबान था, मेहरबान रहेगा, उसकी मेहरबानीयों  का सिलसिला सदा यूं ही चलता रहेगा।