भ्रम में जी रहे हैं सभी
बिन बात का भ्रम ,
डर का भ्रम ,
भ्रम ही भ्रम में
उलझनों का भ्रम
अनहोनी का भ्रम
धोखे का भ्रम
झूठ का भ्रम
अपवाद का भ्रम
निंदा का भ्रम
द्वेष का भ्रम
षड्यंत्र का भ्रम
भ्रम से खत्म हुआ, जीवन का आनन्द ।
भ्रम एक मायाजाल,मन का कोलाहल
भ्रम जागती आंखों का दु:स्वप्न
भ्रम एक नाकारात्मकता सोच..
भ्रम हर लेता मन की शुभ सोच..
भ्रम के अंधेरे से बाहर निकलो
तभी होगा साकारात्मक सोच का सवेरा
भ्रम है रात का अंधेरा,
भ्रम की नींद से जागो तभी होगा
साकारात्मक सोच का सवेरा।।
Comments
Post a Comment