अपनी खुशियों की चाबी अपने संग रखना
किसी ओर के हाथ मत देना..
अपनी खुशियों के मालिक स्वयं बने रहना।
खुशी जीवन का सुन्दरतम श्रृंगार है,
खुशी अपनत्व का मीठा एहसास है।
खुशी मन का भी सौंदर्य है।
खुशियों की चाबी बाहर नहीं
मन के भीतर छिपी होती है,
चाबी को ढूढकर, खुशियाँ खोज लाना
यही तो जीवन का आधार है।
फिर क्यों ढूढते हो खुशी को इधर-उधर
खुश रहने का मंत्र तो आपके पास है।
नहीं निर्भर हमारी खुशी किसी पर
हम तो खुद खुशी का पर्याय हैं
हमें देख लोग बिन बात मुस्करा जाते हैं।
प्रकृति से मिला सुन्दरतम उपहार है।
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