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Showing posts from January 8, 2023

कोहरे का संदेश

 ओढ कर  कोहरे की श्वेत  मखमली चादर  धरा ..आकाश कहीं गुम हुए  राहें नही आती नजर..  जाना है पर.. सफर पर .. धीमे- धीमे बढाने होगें कदम   बैठा है कोहरा राह  घेरकर  चलना होगा सम्भलकर  दिख रहा है कुछ कम -कम ना डर  सरक रही कम - कम मगर  ओढ़नी से झाँककर  भानू की किरणें उधर  दूर आकाश से आ रहा उजाला है तो  पर जरा सी देर से ... हट जायेगा कोहरा मगर.. सम्भल ... जल्द बाजी ना कर.. गम ना कर देर  देर हो थोडी अगर  ...