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Showing posts from July 26, 2024

अमृत वचन

 तन लागे पीड़ा ,  रोए उदास दृग नीरा ताके नयन उपवन, मन सताये पीरा ।। भूखे का अपराध ,सदा  रहे निष्पाप  अपराध का संताप ,अपराधी यही पश्चाताप।।   नयन नीर की पीर, बात बड़ी गम्भीर  ह्रदय पीड़ा का तीर ,चक्षु अश्रु अधीर  ।। विरह वेदना लघु रात, रुदन ह्रदय अश्रुपात झूठी जग की सब रीत प्रभु कृपा संभले हालात।। अभावों का दर्द ,‌बढें कदम शहर ओर स्वर्ण कनक छोड़, मिली ठोकर हर छोर   ।। छिपा संदेशे में दर्द,ह्रदय विदारक पैगाम ।    समा तस्वीर गया, ताका जिसे सुबह-शाम ।। अज्ञात शव दरिया बहे, परिचित रहे अंजान  । गिद्ध,जीव भोज करें समय बड़ा बलवान।।   पशुता का वरण मानवता दी भुला । मानव तुम ही देव चिंता रही सता।।  रहस्य मय जगत , रहस्य अदृश्य अनेक । दामिनी जल मध्य ,जलकण जैसे मेघ ।। वाणी का अपना मोल, मृदुभाषी मीठा बोल।‌‌          वाचाल हुआ बेमोल,मौन भाषा अनमोल ।। रहस्य मय जगत में, रहस्य अदृश्य अनेक । दामिनी जल मध्य में, आत्मबल धन सर्वश्रेष्ठ ।।  सेवा धर्म सर्वोपरि   समर्पण की शक्ति बढ़ी । धर्म मर्...

जीत का बिगुल बजा

 जीवन  में आगे बढने के लिए   बहाव संग ठहराव भी जरुरी है   देने की चाह से कर्म  प्रारम्भ  करिये  मिलने की प्रक्रिया स्वतः सिद्ध  होती जायेगी  डर के आगे जीत है  चुनौतियां आपके दरवाजे पर आकर   निरंतर  दस्तक देगीं  आपको धमकायेगीं  आपके हौसलों को इसकदर कमजोर कर   देगीं कि आप टूट कर  बिखर जाओ ... पर आप टूटना नहीं .. उम्मीद  की एक किरण  अपने संग रखना ... अपने हौसलों के पंखो को उड़ान के लिए  तैयार  रखना  और  कभी भी मौका देखकर   उङ जाना दूर आसमान  की उंचाईयों में  और रच देना इतिहास  ... अक्सर  दुआओं में कहता है यह मन  थोङा आप मुस्कराओ थोङा हम मुस्कराये   एक दूजे शुभचिंतक बन जाये  ऊपर वाले ने भेजा है देकर जीवन   फिर क्यों ना पुष्पों सा जीवन बिताएं हम  फलदार वृक्ष बन जायें हम नदियों का जल बन जायें हम ..  आंगन की शोभा बन बागों की रौनक बढायें हम  हवाओं में घुल- मिल सुगन्धित संसार कर जायें हम अक्सर ...