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Showing posts from January 7, 2024

अक्सर दुआओं में कहता है यह मन

 सर्वप्रथम परमपिता परमात्मा दिव्य  शक्ति को मेरा शत- शत-शत नमन  अक्सर दुआओं में कहता है यह मन  थोङा आप मुस्कराओ थोङा हम मुस्कराये   एक दूजे शुभचिंतक बन जाये  ऊपर वाले ने भेजा है देकर जीवन   फिर क्यों ना पुष्पों सा जीवन बिताएं हम  फलदार वृक्ष बन जायें हम नदियों का जल बन जायें हम ..  आंगन की शोभा बन बागों की रौनक बढायें हम  हवाओं में घुल- मिल सुगन्धित संसार कर जायें हम अक्सर दुआओं में मागता है यह मन  खुशियों से मालामाल रहे सबका जीवन   आप भी मुस्कराये हम भी मुस्करायें  बागों में फिर  से बहार  आये  जीने की अदा सबको सिखाये  बगीचों की शोभा बन हर एक के चेहरे  पर रौनक ले आये हम..परमपिता की दिव्य दृष्टि का प्रसाद निरंतर पाये हम   आसमान से आता है,कोई  फरिश्ता   दुआओं से भर जाता है मेरा दामन   एक रुहानी एहसास अवश्य पाता हूं    उस फ़रिश्ते की महक , मेरा घर आँगन महका जाती है मेंरे चेहरे पर बिन बात के मुस्कराहट आ जाती है । मैं चल रही होती हूँ अकेली ...

श्रीराम सतयुग वाले

 युगों - युगों के बाद हैं आये  श्री राम सतयुग वाले  मर्यादा पुरुषोत्तम श्रीराम  रामायण के श्री सीता राम  आलौकिक दिव्य निराले  सत्य धर्म पर चलने वाले  सूर्यवंश की धर्म पताका ऊंची लहराने वाले  मर्यादा  से जीवन जीने का  संदेशा देते श्री राम सतयुग वाले  निश दिन जिनका नाम हैं जपते श्री राम ईष्ट हमारे...  पुष्पों की वर्षा करवाओ मंगल गीत सुनाओ  श्री राम अयोध्या धाम आयें मीठी शहनाई बजाओ  श्री राम अयोध्या धाम हैं आये  शंख ध्वनि बजवाओ  जपते हैं जिनको आठों याम  श्री राम वो ही हैं आये  स्वागत में पलके बिछाओ  मंगल धुन बजाओ  सुंदर बंदनवार सजाओ   रंगोली सतरंगी बनाओ  स्वागत में श्री राम प्रभु के अपनी पलके बिछाओ  नयनों के दर्पण मे श्रीराम छवि ही बसाओ