जरा सोचिए - - - - पशुओं को सड़कों पर आवारा छोड़ने की परम्परा को बदलना होगा... यह तो वही हो गया जब तक कोई भी वस्तु या जानवर आपके काम का है.. उससे काम निकालो.. और जब काम की ना हो तो सडकों पर छोड़ दो.... हे भगवान आज आप ऐसा किसी पशु के साथ करते हैं.. कल कोई आपके साथ भी ऐसा करे तो क्या होगा? जरा सोचिए ? भारत एक संस्कृति प्रथान देश है... यहां सभी जीवों को जीने का सामान अधिकार है। सभी जीवों के अंदर आत्मा है, चाहे वह मनुष्य हो, पशु हो पक्षी हो या अन्य कोई जीव... किसी भी जीव को सताना, हत्या करना महापाप है। निस्संदेह सत्य... किन्तु प्रत्येक प्राणी का स्वभाव अलग-अलग है... तभी तो हिंसक जानवर, शेर, हाथी, चीता, आदि जंगलों में रहते हैं। हां कहते हैं जानवरों को अगर प्रेम से पाला जाये.. तो वो भी मनुष्य भावों को समझते हैं... जैसे गाय, कुत्ता आदि यह जानवर घरों में भी पाले जाते हैं... गायों के रहने के लिए अलग गौशालाऐं भी बनायी जाती हैं। मेरा आज का विषय थोड़ा अलग है... हमारे यहां कुछ जानवरों का उपयोग ना होने पर उन्हें आवारा छोड़ दिया जाता है... जिसमें... गाय,...