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Showing posts from April 29, 2025
#किस मनुष्य ने किस विषय का चयन किया है उसके चरित्र का दर्पण बोलता है, फिर दर्पण ही जीवन के सच के रहस्य खोलता है।   #यूं ना कहो हम बदल रहे हैं  वक़्त के अनुसार अपने किरदार में  ढल रहे हैं जीवन जीने की कला में  निपुण हो रहे हैं  #रहस्य मय जगत ,रहस्य अदृश्य अनेक । दामिनी जल मध्य ,जलकण जैसे मेघ ।। #वाणी का अपना मोल, मृदुभाषी मीठा बोल।‌‌          वाचाल हुआ बेमोल,मौन भाषा अनमोल ।। #इंसान होना भी कहां आसान है कभी अपने कभी अपनों‌ के लिए  रहता परेशान है मन‌ में भावनाओं ‌‌‌‌‌का   उठता तूफान‌ है कशमकश रहती सुबह-शाम है बदनाम होताा‌‌ इंसान है, इच्छाओं का सारा काम है # अपने मालिक स्वयं बने,स्वयं को प्रसन्न रखना, हमारी स्वयं की जिम्मेदारी है..किसी भी परिस्थिति को अपने ऊपर हावी ना होने दें।  #आत्म विश्वास यानि स्वयं में समाहित ऊर्जा को             पहचानना और उसे उजागार करना ।    तन की दुर्बलता तो दूर हो सकती है     परन्तु मन की दुर्बलता मनुष्य को जीते जी मार  ...