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Showing posts from August 22, 2024

संग सखियों के ठहाकों में

बहुत अंतराल के बाद  संग सखियों के ठहाकों में   जीवन को जीवंत देखा  खुशियों की फुलझडीयां को चेहरे पर खिलते देखा  उम्र की परतों को पीछे हटते देखा  दिलों की जिंदादिली को जवां होते देखा  बिन त्यौहार के एक नया  त्यौहार बनते देखा...  यादों के गुलदस्ते में अनगिनत  खूबसूरत पुष्प जो छिपे थे  सुस्त अवस्था में फिर से खिलते देखा।  यादों की ठहाकों की मीठी गठरी  खुलते देखा...