हम शहजादे हैं
प्रकृति मां के प्यारे
वसुंधरा मां के लाडले
प्रकृति से पालित- पोषित हंसते -गाते हैं
नील गगन तले जीवन का वैभव पाते हैं
आकाश में असंख्य तारे टिमटिमाते हैं
चंदा की चांदनी में शीततलता का सुख पाते हैं
आंखो को कितने प्रिय लगते हैं सारे
वसुंधरा पर अद्भुत नजारे हैं
प्रकृति से हमारे प्रिय नाते हैं
प्रकृति ने हमें जी भर के वैभव दिया हैं
रहने को वसुनधरा का आसन दिया
उङने को खुला आसमान है
शुभ भावों के भव्य समुंद्र का ज्ञान दिया
विचारों के ऊंचे शिखर हैं
इस पार से उस पार को
जाने को है धरा का भव्य वैभव है
हरी- भरी वसुन्धरा पर जीवन को जीवंत करती
अन्न प्रसाद अमृत जल का आधार है ..
क्यों ना करें हम प्रकृति का सम्मान
प्रकृति से ही हमने जीवन का भव्य वैभव पाया ..
प्रकृति से हम जीवंत है प्रकृति से समृद्ध हैं
प्रकृति मां के लाडले हैं
प्रकृति का संरक्षण हम करते हैं ..
बहुत सुन्दर विचार !
ReplyDeleteहम प्रकृति की सन्तान हैं और अपनी माँ का आदर-सत्कार करना हमारा परम धर्म है.
वाह!!!!
ReplyDeleteप्रकृति संरक्षण से ही सम्भव है पर्यावृण सुरक्षा ।
वाह!रितु जी , बहुत खूबसूरत सृजन।
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