घराना एक ही है हमारा, एक ही घर है हमारा
एक ही घर से आये हैं ,एक ही जगह जाना है
एक घर हमारा ,बहुत ही प्यारा बहुत ही न्यारा
सजाना संवारना इसे ही है ,यही अपना ठिकाना
एक ही घर से निकलें हैं .एक घर को लौटकर आना है
तजुर्बों का भरना खजाना है ...कुछ बेहतर दे जाना है
कुछ बेहतर ले जाना है ..सफर में हंसना और मुस्कराना है
कुछ बेहतर किस्सों के अद्भुत फसानों की सौगात छोड़ जाना है
एक ही हमारा घराना है , एक ही हमारा याराना है
एक ही हमारा तराना है ,एक ही जगह से आना और
फिर लौट जाना है
अलग- अलग राहों से होकर गुजरना है ..
तजुर्बों का बुनना ताना और बाना है
मनुष्यों की प्यारी धरती पर मनुष्यता की छाप छोङ जाना है
दुनियां की राहों में अपनी मंजिल अलग- अलग
बनाना.है अपने घर लौट जाना है ,यही जिन्दगी का फसाना है
जिस घर से आये हैं ,उस घर को लौट जाना है
कुछ करके दिखाना है यही जीवन का फसाना.है
आपकी लिखी रचना ब्लॉग "पांच लिंकों का आनन्द" बुधवार 27 सितंबर 2023 को साझा की गयी है......... पाँच लिंकों का आनन्द पर आप भी आइएगा....धन्यवाद!
ReplyDeleteअथ स्वागतम शुभ स्वागतम।
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धन्यवाद पम्मी जी मेरे द्वारा लिखित रचना को पांच लिकों के आनन्द में शामिल करने के. लिए
Deleteसुन्दर
ReplyDeleteआभार
Deleteसुन्दर रचना
ReplyDeleteआभार
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