ऊंचे -ऊंचे पहाड़, घुमावदार रास्ते , गहरी खाइयां हसीन वादियां *पहाड़ों की रानी मसूरी* | *सिद्धार्थ और नंदनी* की शादी को अभी चार ही दिन हुए थे |
भाभी सिद्धार्थ से .... तुम्हारा ड्राइवर नहीं आया अभी तक .....
सिद्धार्थ ...अपनी भाभी से ..... नहीं भाभी ड्राइवर को नहीं बोला ....गाड़ी मैं ही चलाऊंगा √ भाभी \ इतना लम्बा रास्ता है ,और तुम अकेले गाड़ी चला कर ले जाओगे थक जाओगे....... अच्छा जी भाभी चुटकी लेते हुए अकेले - अकेले मजे करना चाहते हो |
तभी पीछे खड़े -सिद्धार्थ के भैय्या बोले # He is young man ..... भाभी सिद्धार्थ से:- अच्छा ध्यान से और Slow speed में चलाना गाड़ी ,और मोड़ों पर भी ध्यान रखना ....और मैंने गाड़ी में एक बैग रखा है जिसमें चूरन की गोलियां, चूरन और भी खाने- पीने का सामान रखा है .....नंदनी तुम भी ले लेना और सिद्धार्थ को भी खिला देना .......नंदनी जी ठीक है भाभी ....
.... ..तभी पीछे से सिद्धार्थ की छोटी बहन प्रियंका जोर B.S.C. first year ki student थी जोर से *** सिद्धार्थ भैय्या & भाभी अरे.. अरे,प्रियंका भागते- भागते.... Mai gate se .. नीचे दो सीढियां जल्दी -जल्दी उतरते हुए ,बस गिरते- गिरते बची ....# अरे पगली अभी यहीं हैं हम ,हम तेरा ही इंतजार कर रहे थे ___ सिद्धार्थ ,नंदनी से हे ना_ नंदनी मैं अभी नंदनी से यही कह रहा था , प्रियंका कहां रह गयी ***** प्रियंका __ अपने याद किया और मैं आ गयी ---
सिद्धार्थ __ ज्यादा जल्द बाजी ना किया कर अभी तुम गिर जाती और तुम्हारी टांग की हड्डी टूट जाती तो .....हमें तुम्हें Hospital ले जाना पड़ता •••• और हमें और लेट हो जाती मसूरी के लिए निकलने में••••• सिद्धार्थ और प्रियंका में ऐसी नोंक- झोंक वाली बातें होती रहती थीं ....
प्रियंका , सिद्धार्थ भैय्या आप भी ना ,देखो भाभी कितना चिढ़ाते हैं मुझे ::
सिद्धार्थ:- अच्छा मेरी प्यारी छोटी बहना you are very cute 🥰you are very sweet 🌹💐।
नंदनी' ___ Ok brother ,अब बटर लगाना बंद करो मैं और मोटी हो जाऊंगी ****
सिद्धार्थ:- बहना क्या? मोटी अभी और मोटी नहीं भई नहीं और मोटी नहीं होना ****चल ठीक है चलते हैं हम ...... नंदनी
Happy & Safe journey , भैय्या take care ..... और मेरे लिए कोई गिफ्ट जरुर लेकर आना ,...भाभी सिद्धार्थ भैय्या भूल जायें तो आप याद दिला देना मेरा गिफ्ट और अपने लिए भी बहुत सारे गिफ्ट लेना.......__ सब लोग पीछे से हंसने लगे***** तभी भाभी बोली ... चलो अब इन्हें जानें दो मसूरी पहुंचते- पहुंचते अंधेरा हो जायेगा ****
सिद्धार्थ गाड़ी चला रहा था| नंदनी और सिद्धार्थ दोनों ने अपने- अपने घर वालों के बारे में एक दूसरे से बहुत बातें कर लीं थीं , कौन कैसा है किसकी क्या आदत अच्छी और बुरी है *****
सिद्धार्थ:- हम मुजफ्फरनगर भी पहुंच गये और हमें पता भी नहीं चला -----चलो नंदनी अब थोड़ी भूख भी लग गई है बस थोड़ी दूर पर Cheetal grand है , वहां पहुंच कर कुछ refreshment लेते हैं ।
नंदनी मेरा तो मन अजीब सा हो रहा है मैं तो बस freshlime soda लूंगी |
सिद्धार्थ :- अरे क्या ,हुआ सब ठीक तो है | नंदनी हां बस गाड़ी में ज्यादा लम्बा सफर करने पर ऐसा हो जाता है।
सिद्धार्थ:- मैडम अभी तो और लम्बा सफर है और ऊपर से मसूरी के घुमावदार रास्ते क्या होगा तुम्हारा ......../ नंदनी- जब तुम साथ होंगे तो सब ठीक होगा
गाड़ी धीरे -धीरे ऊंचाईयों की तरफ बढ़ रही थी | गाड़ी में pendrive से गाने चल रहे थे ...आज ब्लू है पानी -पानी सिद्धार्थ मस्ती में गाड़ी चलाते - चलाते भटकने लगा| नंदनी अरे सिद्धार्थ यह क्या कर रहे हो | # ध्यान से गाड़ी चलाओ आगे देखो गहरी खाई है | सिद्धार्थ जोर के ब्रेक मारते हुए अरे- अरे बाल- बाल बचे |
नंदनी : सिद्धार्थ तुम गाड़ी आराम से चलाओ / वरना ? सिद्धार्थ वरना क्या?
नंदनी ::: मैं गाड़ी से उतर जाऊंगी |
सिद्धार्थ ----- हाहा हाहा , गाड़ी से उतरकर पैदल आओगी -
----नंदनी नहीं यहीं बैठकर तपस्या करूंगी कि मेरे पति को कुछ समझाओ ......
सिद्धार्थ ,अरे बेबी चलो sorry वो तो मैं मजाक कर रहा था | नंदनी ऐसे मज़ाक अच्छे नहीं होते जिससे किसी की जान निकल जाये / इतने आगे से आती हुयी गाड़ी का हार्न गाड़ी को साइड देता हुआ।
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