मीठा बोल लिया करो ...
वो दुनियां के किसी मीठे में नहीं ..
मिठाई तो बस मुंह मीठा करती है ..
मुंह में स्वाद का रस घोल देती हैं ..
मीठी बातों की मिठास
कानों में भी रस घोल
चेहरे पर चमक ले आती हैं
ह्रदय में प्रेम रस घोल देती है ...
मिठास अगर जुबान में हौ तो मिठास का रस अपने पास है.
कड़वाहट मन में हो तो सब मीठे बेकार हैं ..
Wow
ReplyDeleteबिल्कुल सही कहा आपने!
ReplyDeleteमीठी बोली में जो मिठास होती है
वो दुनियां के किसी मीठे में नहीं ..
बिल्कुल सही कहा आपने
ReplyDeleteमीठी बोली में जो मिठास होती है
वो दुनियां के किसी मीठे में नहीं ..
जी मनीषा जी मीठी बोली मन भी खुश कर देती है
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