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गणतंत्र भारत के रक्षक कवच वीर सिपाही


 (वीरों का कवच )

वीरों का कवच देश को अमरत्व का वरदान है   

वीरों का शौर्य अडिग हिमालय से भी दृढ़, इन्हीं से

भारत माता के मस्तक पर अनन्त सूर्य मणियों 

का तेज है शत्रुओं के भी कांपते वेग हैं 

भारत मां के वीरों के होसलौं को नतमस्तक  

मानों अखण्ड सुहागन सिंदूर बन 

भारत माता के मस्तक पर लगा हर्ष पाते हों जी भर ...

विरासत में जो मिली है भारतीयों को उच्च 

संस्कारों की सम्पत्ति, निस्वार्थ भाव सेवा धर्म की भक्ति 

मात्रभूमि के वीरों की संकल्प शक्ति  

सिंह की दहाड़ ,शत्रुओं देती पछाड़

भारत माता के वीर जांबाज 

 हथियार उठा करते हैं स्वाहा .... शत्रुओं का होता अंत दाह

सूर्य सा तेज है पर नहीं किसी से द्वेष 

विश्व में भारत माता के वीरों की अपनी 

विषेश पहचान है, वीरों का कवच देश को 

अमरत्व का वरदान है   

स्वर्णिम युग दे रहा है दस्तक 

मेरा देश बदल रहा है,‌‌‌‌‌‌‌‌ज्ञान का दीपक

 घर-घर  प्रकाशित हो रहा है 

भाईचारे संग धरती को स्वर्ग बनाने का संदेश है 

अद्भुत अतुलनीय स्वर्णिम संस्कृति 

एवं संस्कारों का दिव्य तेज हमारा भारत देश है ।

दैविय गुणों से सम्पन्न भारत के वीरों का तेज है ।




 




  




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