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हिंदी शाश्वत भाषा


 
हिंदी है वीणा के तार जिस पर सुर के सजे असंख्य तार 
संस्कृत से उपजी ... वेदों की भाषा हिंदी है देवों की भाषा 
हिंदी ने कई युग देखे संस्कृति को परखा सभ्यताओं को संजोया 
हिंदी मेरी मातृभाषा मेरी पहचान 
मेरी भाषा मेरा आत्मसम्मान 
मां सी ममता मिलती है 
जब - जब भावों को व्यक्त किया 
हिंदी अपनी मीठी भाषा 
शाश्वत सनातन पवित्र भाषा 
विविध परम्पराओं और संस्कृति को जिसने सांचा 
संस्कृत का सरलतम व्यवहार 
हिंदी ने लिया आधार 
हिंदी कहे दिव्य ज्ञान की बातें 
अंकित हैं हिंदी में ही वेद, ग्रन्थ उपनिषद 
रामायण ,श्रीमद भागवत गीता का दिव्य पवित्रम ज्ञान 
मिलता है हिनदूस्तानी होने का सम्मान 
हिंदी भाषा पहचान मेरी 
भावों को जिव्हा पर लाने को हिन्दी 
के मुझे शब्द मिले शब्दों ने मेरे विचारों को
जब गढ़ा .पंखो ने ऊंची उड़ान भरी ...
 हिन्दुस्तान में जन्मी हिन्दू हिन्दुस्तानी हुई 
हिंदी की जिव्हा पर चढ़ी रस धारा हिंदी मेरी दिव्य भाषा ने गद्य - पद्य में संसार को दी अमृत रसधारा 
धरती पर जब तक अस्तित्व रहेगा हिंदी भाषा का सुर्य अपने ओज से धरा पर अपनी संस्कृति का प्रकाश करता रहेगा.....





Comments

  1. शाश्वत और मिलनसार ।
    हिन्दी दिवस पर बधाई !

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  2. गर्व से कहें हम हिन्दूस्तान हमारी मातृभूमि ,हिंदी हमारी मातृभाषा

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