आवश्यकता से अधिक उम्मीद दूसरों से ,
आपको बेसहारा बना सकती है .....
उम्मीद अगर स्वयं से हो तो वह ताकत बन जाती है
उम्मीद जब दूसरों से हो तो कमजोरी बन जाती है ...
किसी के मन में आशा की किरण जगा कर ,
उम्मीद की जाये तो वह आत्मविश्वास बन जाता है ।
आवश्यकता से अधिक उम्मीद दूसरों से ,
आपको बेसहारा बना सकती है .....
उम्मीद अगर स्वयं से हो तो वह ताकत बन जाती है
उम्मीद जब दूसरों से हो तो कमजोरी बन जाती है ...
किसी के मन में आशा की किरण जगा कर ,
उम्मीद की जाये तो वह आत्मविश्वास बन जाता है ।
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