स्वर्ग से सुंदर समाज की कल्पना एक लेखक की ईबादत होती है.. हर तरफ खूबसूरत देखने की एक लेखक की आदत होती है.. समाज में फैल रहे अत्याचार, हिंसा वैमनस्य की भावना देख एक लेखक की आत्मा जब रोती है तब एक लेखक की लेखनी तलवार बनकर चलती है और समाज मे फैल रहे वैमनस्य की भावना का अंत करने में अपना महत्वपूर्ण सहयोग प्रदान करती है.. लिखने को तो लेखक की लेखनी लिखती है, किन्तु एक अदृश्य शक्ति उसको प्रेरित करती है। अपने लिये तो सभी जीतें हैं हैं, जीवन वह सफल है जो औरों के जीने के लिए जिया जाये। यूं तो मैंने बहुत कुछ लिखा है.. इंटरनेट पर मेरा अपना ब्लाग है, जिस पर लेखन कार्य निरंतर चलता रहता है। मैंने बहुत से साझा संकलन एवं एकल संकलन भी लिखे। हैं । मेरे लिखने का उद्देश्य समाज को शुभभावनाओं से भरपूर करना है। शुभ साकारात्मक आत्मविश्वास से भरपूर संदेश देना है.. मेरे लिखने से किसी एक जीवन में भी साकारात्मक परिवर्तन आता है तो मेरा लिखना सफल है। ऋषिकेश एक अध्यात्म नगरी है, प्रकृति यहां गीत गुनगुनानाती है... मां गंगा की पवित्र अमृतमयी जलधारा जीवन पवित्र करती है... ज...
कहते हैं की मोहब्बत में इंसान खुदा हो जाता है खुदा हो जाता है शायद इसीलिए सबसे जुदा हो जाता है । मैं मोहब्बत हूँ किसी भी मनुष्य का मूल स्वभाव हूँ " मैं मोहब्बत एहसासों में जज़्बातों में रहती हूँ मोहब्बत का कोई मजहब नहीं मोहब्बत तो हर दिल की भाषा है ❤️ शब्द नहीं ,अर्थ नहीं , उम्र नहीं बन्धन नहीं रिश्तों की मोहताज नहीं उपहार नहीं ,व्यापार नहीं भावों में जज़्बातों में मैं मोहब्बत हूँ ,मैं किसी भी मनुष्य का मूल स्वभाव हूँ जीवन की दौड़ में मोहब्बत वो दवा है जो हर रिश्ते पर मरहम लगा उसको सवाँरती है । कुछ तो विषेश है तुममें जिसने देखा अपना रब देखा तुममें ए चाॅद तुम तो एक हो तुम्हें चाहने वालों ने जाने क्यों अलग-अलग किया खुद को ए चाॅद तुम किस-किस के हो जिसने देखा जिधर से देखा तुमको अपना मान लिया नज़र भर के देखा, तुमने ना कोई भेदभाव किया समस्त संसार को अपना दीदार दिया तुमने संसार में सभी को नज़र आते हो पूर्णिमा का चांद हो सुहागन का वर...