अक्सर दुआओं में कहता है यह मन थोङा आप मुस्कराओ थोङा हम मुस्कराये एक दूजे शुभचिंतक बन जाये ऊपर वाले ने भेजा है देकर जीवन फिर क्यों ना पुष्पों सा जीवन बिताएं हम फलदार वृक्ष बन जायें हम नदियों का जल बन जायें हम .. आंगन की शोभा बन बागों की रौनक बढायें हम हवाओं में घुल- मिल सुगन्धित संसार कर जायें हम अक्सर दुआओं में मागता है यह मन खुशियों से मालामाल रहे सबका जीवन आप भी मुस्कराये हम भी मुस्करायें बागों में फिर से बहार आये जीने की अदा सबको सिखाये बगीचों की शोभा बन हर एक के चेहरे पर रौनक ले आये हम..परमपिता की दिव्य दृष्टि का प्रसाद निरंतर पाये हम खुश रहें आप और हम सफर पर हैं हम ना जाने कब जाना हो मगर जब तक है जीवन कुछ जीवन जीने की बातें कर लें आप और हम सफर में यादों के कैनवास पर बेहतरीन सुन्दर आकर्षक चित्र ही उतारें हम .. बेहतरीन यादों का कारवां तैयार करें हम अक्सर दुआओं में कहता है यह मन थोङा आप मुस्कराओ ...
उम्मीद से हौसला बढता है, हौसलों से साहस, साहस से आत्मविश्वास जन्म लेता है .. वही आत्मविश्वास असंभव को सम्मभ करने की क्षमता रखता है। छोटी-छोटी किरणों से मन में आशाओं के नये दीप जलते हैं जग भले ही रोशन ना हो तत्काल मन उम्मीद के नये उजालों से भर जाते हैं .. उन उजालों की किरणों से, जग रोशन हो जाता है। एक उम्मीद ही तो है. जो चीटियों को पहाड़ पर चढने को प्रेरित करती है उस उम्मीद की किरणों से आशा का एक दीप हौसलों का भव्य आसमान तैयार करता है और फिर कहीं जाकर आकाश में असंख्य तारे जगमगाते हैं... अपने अस्तित्व पर मुहर लगाते हैं।।।