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सूक्ति

सूक्ति बनों जीवन की ऐसी  

हठ,निंदा ईर्ष्या मानों अपराध 

त्याज्य हो व्यर्थ पदार्थ 

आवयशकता बनो एसे किसी की  

तन लागे औषधि जैसी

व्याधि पीड़ा बन उपचार 

उपकारी जीवन सद्व्यवहार 

दुरूपयोग ना कर पाये कोई 

उपयोगी समझ पूजे प्रत्येक 

इस सृष्टि में है रंग अनेक 

पर रंग लहू का सबका एक 

फिर काहे का रंग भेद 

सूक्ति एक जीवन में यह भी अपनाओ 

रंग भेदभाव का भेद मिटाओ। 

परस्पर प्रेम की फसल उगाओ। 



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