Skip to main content

त्यौहार जीवन आनंद


त्यौहारों आते हैं, समाज में शुभ साकारात्मक संदेश लाते हैं... 

तय + औ + हार ... तय समय में किये गये शुभ कार्य जो जो युगों - युगों तक समाज के लिए प्रेरणास्रोत बन पूजनीय हो गये .... जीवन जीने का संदेश दे आनंद बन गये ...

त्यौहारों का संदेश ऐसा जीवन जीना कि समाज युगों - युगों तक याद करें पूजा करे एवं स्वयं को कृतज्ञ करें  . 

त्यौहार उत्सव हैं ,मंगल बेला का शुभ संदेश है ...

त्यौहार बंधन नहीं ..  त्यौहार तो जीवन का आनंद है .... शुभ संकेत है ...  देश , परिस्थिति और काल के अनुसार जीवन में शुभ साकारात्मक प्रेरणास्पद कर्म करने का . ‌..

त्यौहार जीवन में रंग भर एक नयी उर्जा प्रदान करते हैं 

त्यौहार जीवन में उत्साह एवं उमंग की शुभ तरंगें लेकर आते हैं .. ... और संस्कृति और  संस्कारों का दर्शन कराते हैं....

प्रत्येक त्यौहार स्वयं में एक विशेष महत्व लिए होता है... कोई ज्ञानवर्धक संदेश... समय ,काल  एवं परिस्थितियों का परिवेश ... लिए विशेष महत्व को दर्शाते हैं‌ हमारे त्यौहार ...

त्याग, तपस्या बलिदान‌, एवं कोई ना कोई प्रेरणा दायक संदेश अवश्य देते हैं हमारे त्यौहार  ...

त्यौहार + तय + औ + हार ....

तय समय में जो कार्य किया वह इतना सर्वश्रेष्ठ, था कि‌, समाज के उत्थान के लिए पवित्र, एवं मर्यादित युगों युगों तक समाज के लिए  प्रेरणा का संदेश बन गया  ... पूजनीय सराहनीय .. एवं परम्पराओं का पुंज बन गया .....


त्यौहार .. बंधन नहीं .. प्रतीक चिन्ह होते हैं..  उन विषेश पलों का दिव्य पवित्र कालों का..  विषेश चमत्कारीक परिस्थितियों का ....

त्यौहार आनंद है ... हर्षोल्लास का रंग हैं .... 

त्यौहारों में स्वयं को परम्पराओं के नाम पर बांधे नहीं ....

परम्परा वही जिसमें कहीं और किसी भी रुप में मात्र‌ दिखावा ना होकर ... परिस्थितियों अनुसार शुभ कर्म एवं शुभ संदेश हो .... 

Comments

Popular posts from this blog

प्रेम जगत की रीत है

 निसर्ग के लावण्य पर, व्योम की मंत्रमुग्धता श्रृंगार रस से पूरित ,अम्बर और धरा  दिवाकर की रश्मियां और तारामंडल की प्रभा  धरा के श्रृंगार में समृद्ध मंजरी सहज चारूता प्रेम जगत की रीत है, प्रेम मधुर संगीत है  सात सुरों के राग पर प्रेम गाता गीत है प्रेम के अमृत कलश से सृष्टि का निर्माण हुआ  श्रृंगार के दिव्य रस से प्रकृति ने अद्भूत रुप धरा भाव भीतर जगत में प्रेम का अमृत भरा प्रेम से सृष्टि रची है, प्रेम से जग चल रहा प्रेम बिन कल्पना ना,सृष्टि के संचार की  प्रेम ने हमको रचा है, प्रेम में हैं सब यहां  प्रेम की हम सब हैं मूरत प्रेम में हम सब पले  प्रेम के व्यवहार से, जगत रोशन हो रहा प्रेम के सागर में गागर भर-भर जगत है चल रहा प्रेम के रुप अनेक,प्रेम में श्रृंगार का  महत्व है सबसे बड़ा - श्रृंगार ही सौन्दर्य है -  सौन्दर्य पर हर कोई फिदा - - नयन कमल,  मचलती झील, अधर गुलाब अमृत रस बरसे  उलझती जुल्फें, मानों काली घटायें, पतली करघनी  मानों विचरती हों अप्सराएँ...  उफ्फ यह अदायें दिल को रिझायें  प्रेम का ना अंत है प्रेम तो अन...

पल-पल

पल-पल बीत रहा है हर पल  घड़ी की सुईयों की कट-टक  इंतजार में हूं उस बेहतरीन पल के  जिसमें खुशियाँ देगीं दस्तक - -    एक पल ने कहा रुक जा, ऐ पल,  उस पल ने कहा कैसे रुक जाऊं  अब आयेगा  दूसरा पल।  जिस पल में जीवन की सुंदरता का हो एहसास  बस वही है प्यारा पल।   ऐ पल तू ठहर जा, पल में बन जायेगा तू अगला पल, जाने कैसा होगा अगला पल,आज का पल है  बेहतरीन पल, जी भर जी लूं यह पल, कह रहा है मन चंचल-चपल । पल की  कीमत पल ही जाने,  बीत जाने पर हो जाना है हर पल बीता कल।  पल -पल कीमती है, प्रयासों की मचा दो हलचल, जाने कब गुजर जाये यह पल, बन जाये अगला पल।   हर पल को बना दो, बेहतरीन पल फिर लौटकर नहीं आयेगा यह पल।  पल की कीमत पल ही जाने, नहीं ठहरता कोई भी पल,बन जाता है अगला पल। पल -पल बीत रहा है, कह रहे हो जिसे अगला पल उस पल में निकाल लेना जरूरी प्रश्नों के हल।    यह पल भी होगा कल, फिर अगला पल  समय नहीं लगेगा, हर पल को बीतते।  वर्तमान पल को बना दो स्वर्णिम पल  कल का पता नहीं, कब हो जाये फिर अगला ...

भव्य भारत

 भारत वर्ष की विजय पताका सभ्यता संस्कृति.               की अद्भुत गाथा ।       भारतवर्ष देश हमारा ... भा से भाता र से रमणीय त से तन्मय हो जाता,       जब-जब भारत के गुणगान मैं गाता । देश हमारा नाम है भारत,यहां बसती है उच्च       संस्कृति की विरासत । वेद,उपनिषद,सांख्यशास्त्र, अर्थशास्त्र के विद्वान।           ज्ञाता । देश मेरे भारत का है दिव्यता से प्राचीनतम नाता । हिन्दुस्तान देश हमारा सोने की चिङिया कहलाता।  भा से भव्य,र से रमणीय त से तन्मय भारत का।             स्वर्णिम इतिहास बताता । सरल स्वभाव मीठी वाणी .आध्यात्मिकता के गूंजते शंखनाद यहां ,अनेकता में एकता का प्रतीक  भारत मेरा देश विश्व विधाता । विभिन्न रंगों के मोती हैं,फिर भी माला अपनी एक है । मेरे देश का अद्भुत वर्णन ,मेरी भारत माँ का मस्तक हिमालय के ताज सुशोभित । सरिताओं में बहता अमृत यहाँ,,जड़ी -बूटियों संजिवनियों का आलय। प्रकृति के अद्भुत श्रृंगार से सुशोभित ...