(सपनों का राजकुमार ) शीर्षक
मौका था राहुल की Birthday party का ...... बड़े- बड़े लोग बड़ी- बड़ी बातें .... उनकी तो birthday 🎂💐 पार्टी का ख़र्चा जहां .... मिडिल क्लास फैमिली की दस बारह शादियों से भी ज्यादा होता है ...|
राहुल शहर के मेयर का बेटा .... दादागिरी ऐसे दिखाता था जैसे कि वो खुद ही मेयर हो |
राहुल कि चचेरी बहन सिम्मी और सिम्मी की बेस्ट friend रिया .... दोनों कालेज में एक साथ एक ही सेक्शन पड़ रहे थे , दोनों में अच्छी understanding थी |
राहुल अपने birthday party के लिए मेहमानों की लिस्ट बना रहा था ..... साथ में उसकी बहन सिम्मी भी राहुल की Help कर रही थी मेहमानों की लिस्ट बनाने में...
राहुल ने सिम्मी को अपनी friend रिया को भी invite करने को कहा ....
सिम्मी , मैं जानती हूं रिया को और उसकी family को वो कभी नहीं आयेगी ... और लेट नाइट पार्टी तो बिल्कुल नहीं उसके मम्मी- पापा मना कर देंगे ।
राहुल था जिद्दी स्वभाव का .... शायद रिया के लिए अपने दिल में खास जगह बना बैठा था ।
राहुल ---कोई भी बहाना करके किसी भी तरह रिया के परिवार वालों को मनाकर रिया को पार्टी में बुलाना होगा ।
..... सिम्मी, यह अचानक ही राहुल को क्या हो गया है ...रिया में क्यों दिलचस्पी लेने लगा है ....
सिम्मी राहुल से ,रिया किसी ओर को पसंद करती है ....बात दोनों तरफ से पक्की है, रिया को उसके सपनों का राजकुमार मिल गया है .... उसने मुझे खुद बताया है ।
रिया की कालेज की पढ़ाई खत्म होते ही वो लड़का अपने मम्मी - पापा को उनके शादी पक्की करने के लिए रिया के मम्मी - पापा के पास भेजेगा |
सिम्मी ने अपने भाई राहुल को बहुत समझाया .....
लेकिन राहुल के आगे सिम्मी की एक ना चली ।
Birthday 🎂 party ... केक कटिग होते ही Happy birthday 🎉🎉 to you राहुल .....के शोर से सारा हाल गूंज उठा ....और फिर music ,की धुन पर सब dance करने लगे , सिम्मी ने रिया का हाथ पकड़ उसे भी डांस फ्लोर पर खींच लिया | रिया को कोल्डड्रिंक का गिलास हाथ में थमाते हुए .... रिया को अजीब सी घबराहट हो रही थी ,जल्दी से दो गिलास कोल्ड ड्रिंक्स के पीने के बाद रिया को अब सब अच्छा लगने लगा और वो मस्ती में Dance करने लगी ।
(अगला दिन सुबह के सात बजे)
राहुल ---- रिया से मैंने सब सोच लिया है .....
रिया :- राहुल मुझे पता है ...तुम्हारे पापा मेयर हैं ,और तुम मेयर के बेटे ..... हम - हम लोग सिम्पल business family से हैं .... हमें बहुत कुछ सोचना पड़ता है .....
राहुल , सिम्मी ने एक प्लान बनाया .... रिया को उसके घर छोड़ने का ....
डोर बेल की आवाज सुन (सविता) रिया की मम्मी ..... दरवाजा खोलते हुए ..... अरे यह क्या हुआ ....
अपनी बेटी रिया को देख ... रिया के सिर और पैर पर पट्टी बंधी हुई थी ,और भी एक दो जगह चोट के निशान थे ।
क्या हुआ रिया तुम्हें ...
रिया का एक हाथ ,राहुल के कंधे पर था ....वो लड़का ... रिया को सम्भाले हुए था ।
राहुल:- कुछ नहीं आंटी ..... रिया की स्कूटी स्लिप हो गयी थी ... ज्यादा चोट नहीं लगी बचाव हो गया ,हम इसे डाक्टर के पास ले गये थे .... यह कुछ दवाइयां हैं और इसमें सब लिखा है ,कौन सी दवा कब देनी है ।
रिया :- Thanks Rahul ....
उसके बाद तो ..... राहुल अक्सर ,रिया से मिलने उसके घर आ जाता ।
रिया के पापा को राहुल का इस तरह अक्सर रिया से मिलने आना अच्छा नहीं लगता था ,जबकि रिया की मां को राहुल बहुत पसंद था ।
शहर के मेयर के बेटा का और हम जैसे साधारण लोगों के यहां आना और अगर.... वो सच में रिया को पसंद करता है तो फिर क्यों ना दोनों रिश्ता पक्का कर दिया जाये |
रिया की मां ने बातों ही बातों में राहुल की इच्छा जाननी चाही ....
राहुल :- जी आंटी जी ,रिया जैसे अच्छी समझदार लड़की के साथ अपनी सारी उम्र बिताना मेरी तो किस्मत ही खुल गयी कल ही मैं अपने घर वालों से बात करता हूं।
रिया को जब यह पता चला ,तो वह अपनी मां पर चिललायी .... मां कम से कम एक बार मुझसे तो पूछ लेती ...
रिया की मां ( सविता ) पूछना क्या है , वो तुझे पसंद करता है ,और तुम भी तो इतना घुल- मिल कर बातें करते हो ...
रिया :- मां बातें करते हैं तो क्या हुआ ? मैं नहीं करना चाहती अभी शादी ....
रिया की मम्मी सविता :- रिया बहुत अच्छा लड़का है राहुल और शहर का नामी परिवार , शादी के बाद तू राज करेगी राज .....
रिया :- मां मैं अभी शादी नहीं करना चाहती
सविता :- कोई नहीं शादी आराम से करना ... बस एक बार रिश्ता पक्का हो जाने दे , फिर जब चाहे तब करना शादी ।
राहुल ने अपने मम्मी - पापा को मना लिया था .... रिया और राहुल के मम्मी पापा ने एक मुलाकात करके रिश्ता पक्का समझो .... हामी भर दी थी ..
लेकिन रिया के मन में तो कुछ और ही चल रहा था , सिर्फ पैसा और रूतबा देख कर शादी करना उसे रिश्ता कतई , मंजूर नहीं था । रिया के सपनों का राजकुमार कोई और था .....
आखिर जाने क्या दवाब बनाया गया रिया पर :::: रिया और राहुल की शादी की Date fix हो गयी ....
इतने बड़े घर में बेटी की शादी तय हो गयी थी ..... रिया के मम्मी पापा की खुशी का ठिकाना नहीं था ।
रिया की शादी के लिए एक हवेली किराये पर ले ली गयी थी ।
हवेली की आलीशान सजावट की जा रही थी ...... पकवानों की खूशबू से जायके का आनन्द आ रहा है , मेहमानों का आना -जाना मिठाई ,ठंडाई सब और चहल- पहल सब अपने अपने कामों में लगे हुए थे .....
तभी रिया की बुआ की बेटी .... मामी - मामी रिया दीदी पार्लर से कब आयेगीं ,और कौन जायेगा उनको लेने , मैं भी जाऊंगी पार्लर .....
सविता रिया की मम्मी .... जो भी करो जल्दी करो बारात का समय भी हो रहा है ,तू ऐसा कर अपने पापा के साथ चली जा पार्लर .... और रिया को भी ले आना ,और सुन ज्यादा देर मत करना ......
रात के दस बज गये थे , बारातियों को नाचते - गाते देर हो गयी थी .....
इधर रिया के मम्मी पापा के चेहरों पर चिंता की रेखाएं साफ दिख रहीं थीं ,वो चाह रहे थे .... बाराती थोड़ी देर और नाच लें .....और तब तक वो रिया को ढूंढ लें .... रिया जो घर से पार्लर गयी थी , पार्लर से एक घंटे पहले निकल गयी थी रिया .....
पार्लर वाली :- रिया ने कहा था उसे एक घंटे पहले तैयार कर दे उसे कोई पूजा करने जाना है ।कोई गाड़ी आयी थी रिया उसमें बैठ कर चली गयी थी .....
उसके बाद किसी को कुछ नहीं पता चला रिया कहां और किसके साथ गयी ....
लोग तरह - तरह की बातें बना रहे थे ...
पार्लर वाली :- रिया ने कहा था उसे एक घंटे पहले तैयार कर दे उसे कोई पूजा करने जाना है ।कोई गाड़ी आयी थी रिया उसमें बैठ कर चली गयी थी .....
उसके बाद किसी को कुछ नहीं पता चला रिया कहां और किसके साथ गयी ....
लोग तरह - तरह की बातें बना रहे थे ...
रिया के मम्मी - पापा की तो मानों दुनियां ही उजड़ गयी थी .... दोनों सदमें आ गये थे |
रिया के पापा ( राजेश ) :- इस लड़की ने तो हमें कहीं मुंह दिखाने लायक नहीं छोड़ा है ....
रिया की मम्मी ( सविता ) :- पता नहीं कहां और किस हालत में होगी रिया .....
राजेश :- कहां होगी .... अभी भी तुम्हें अपनी बेटी से हमदर्दी है |
सविता :- आखिर रिया है तो हमारी ही बेटी खून है हमारा .....
सब जगह ढूंढ लिया रिया को .... सिम्मी ने जो बताया था एक लड़का है मैकेनिकल इंजीनियर बैंगलोर में जाॅब करता है ...रिया वो लड़का क्या नाम है उसका मयंक ..... वहां भी नहीं पहुंची रिया .....जाने कहां और किस हाल में होगी रिया ....
डोर बेल की आवाज टिंग - टाॅग .... सविता जल्दी से में गेट खोलने के लिए उठती हुयी .... राजेश :- बावली हो गयी हो क्या ? ज्यादा जल्दी ना करो गिर जाओगी .... रिया नहीं आयी है जो भाग रही हो .....
सविता :- इशारे से अपने पति राजेश को चुप कराते हुए .... मेन गेट खोलते हुए .... हूं तुम कौन ..
जी मैं मंयक मैं और रिया ....
मंयक :- आंटी अंदर आने को नहीं कहोगी ....
सविता :- हां आ जाओ
आंटी :- बस गिलास पानी पिला दो ....
मंयक पानी पीने के बाद आंटी आप मुझे सब बताइए कब और कैसे रिया की शादी राहुल के साथ तय हुई ....
सविता :- जितना पता था सब मंयक को कह सुनाया ...
मंयक : रिया ने मुझे सब कुछ बताया था ... और भी बहुत कुछ ... वो राहुल से उसके किसी दवाब में शादी करने को तैयार हो गयी थी ..... लेकिन वो बिल्कुल भी खुश नहीं थी ....
और फिर बहुत सोचने के बाद हमने जिस दिन रिया की शादी राहुल से होनी थी , मन्दिर में जाकर शादी करने की सोची , उसने मुझे पार्लर का address दिया था .... ट्रेफिक की वजह से मुझे पन्द्रह मिनट देर हो गयी थी ,जब तक मैं पहुंचा ....
मंयक : - मैं रिया को फोन मिला रहा था उसका फोन भी नहीं मिल रहा था ।
पार्लर की बेल बजाकर पूछा .
पार्लर वाली :- रिया वो तो तो अभी थोड़ी देर पहले निकल गयीं , कोई गाड़ी लेने आयी थी ...
मंयक :-आंटी मैंने बहुत जगह फोन मिला कर पूछा .... लेकिन कहीं से कुछ नहीं पता चला आखिर रिया कहां गयी होगी ...
यह बात तो पक्की है ,रिया का किसी ने अपहरण किया है ।
मंयक :- वही तो आंटी जी ...
लेकिन रिया यह शादी नहीं करना चाहती थी ....
इससे पहले मैं उसे लेने आता ... वो उसे बीच में से ही ले गया होगा ...
सविता :- क्या ऐसा हो सकता है बेटा मयंक ...
मंयक :- आंटी मुझे तो यही शक है और 100% मेरा शक सही निकलना चाहिए
सविता ( रिया की मम्मी ) अपहरण रिया का अपहरण कोई क्यों करेगा...
मंयक : आंटी कोई ऐसा जिसे मेरे और रिया के रिश्ते के बारे में पता चल गया हो ....
सविता:- पर उसे क्या मिलेगा अपहरण करके .... रिया की शादी तो राहुल से पक्की हो गयी थी ....
राहुल:- सिम्मी तुम कहां हो सिम्मी
सिम्मी :- क्या हुआ मेरे भाई तुम इतना घबराये बुरे क्यों हो ?
राहुल :- वो गेस्ट हाउस ...
सिम्मी :- क्या हुआ गेस्ट हाउस को ?
राहुल :- चार घंटे हो गये,वहां के गार्ड लोगों को ढूंढते हुये ....
सिम्मी :- हां क्या कह रहे हो तुम राहुल ?
राहुल :- रिया वहां कहीं भी नहीं मिल रही है , गार्ड ने बताया कि रिया दिल घबराने की बात कहकर बिगीचे में टहलने लगी और कब आंखों से ओझल होकर कहां गयी कुछ पता नहीं चल रहा है .... वो लोग रिया को आस- पास सब जगह ढूंढ चुके हैं ...
सिम्मी :- अब क्या होगा राहुल .... अगर रिया अपने घर पहुंच गयी .... और उसने सब कुछ बता दिया तो हम तो जेल में होंगे ..
राहुल :- लेकिन रिया को चार घंटे हो गये हैं .... अगर वो अपने घर गयी होती तो अबु छ पहुंच जाती.... कहां गयी होगी रिया .....
सिम्मी ,भाई चल रिया को ढूंढ ने .... अब कुछ महीने हमें शहर से दूर रहना होगा ....
लगभग दो साल बाद ...
शहर में चुनाव थे ....
अबकि बार राहुल मेयर के चुनाव के लिए अपने आप election में खड़ा हुआ था।
राहुल :- कौन है यह DM लगता है नयी- नयी आयी है शहर मैं उसे पता नहीं राहुल कौन है ...
इस स्टोरी को हम आगे भी कई मोड़ दे सकते हैं , जैसे कि राहुल को अपने किन्हीं जरूरी कामों की वजह से ,DM के साइन कराने की जरूरत पड़ती है ,और अब वहां की डिस्ट्रिक्ट मेजिस्ट्रेट रिया है .... रिया - राहुल को सबक सिखाने के लिए साइन करने से मना कर देती है... राहुल रिया से माफी मांगता है और अपनी गलतियों के लिए बेहद शर्मिन्दा है कहता है .... उस वक्त रिया के आफिस में रिया के और राहुल के मम्मी पापा दोनों होते हैं , दोनों को राहुल की करनी जब पता चलती है ,तो वह राहुल को सजा देना चाहते हैं.... लेकिन रिया उन्हें रोक देती है,और कहती हैं राहुल को अपनी गलतियों पर पछतावा है यही बहुत है ....
रिया बाद में बताती है कि , जब रिया का किडनैप राहुल ने करवाया था , कुछ दिनों बाद रिया राहुल की कैद से भागने में कामयाब हो जाती है ,और विशाखापटनम में अपनी किसी सहेली के घर जाती है ,उसी सहेली की प्रेरणा से रिया आगे पढ़ाई कर लाईफ में कुछ बनने की ठान लेती है .....उसके ठीक उसके एक महीने बाद ... रिया मंयक से सम्पर्क कर गर्ल्स हॉस्टल में ठहरने का इंतजाम करती है ,और उसके बाद परिक्षाओं का दौर शुरू होता है एक दिन रिया की मेहनत रंग लाती है ,और सिविल सर्विस में पास हो वो बनती ... डिस्ट्रिक्ट मजिस्ट्रेट .....
रिया के मम्मी पापा को सारे गिले -शिकवे दुख अब दूर हो चुके थे रिया आज जिस पोस्ट पर थी वह किसी भी मां - बाप के लिए गर्व का विषय होता है ,.....
अब सही समय आ गया था रिया के विवाह का, रिया और मयंक के विवाह की तैयारियां अब जोर- शोर शुरु हो गयीं थीं .... शहनाइयां बजने लगीं थीं .... नये- नये कपड़ों की खरीदारी , सजावट वगैराह - वगैराह खुशियां भी दस्तक दे देकर इतरा रहीं थीं , नज़रें उतारी जा रहीं थीं । फूलों के बंदवार सज रहे थे आखिर रिया को उसके सपनों का राजकुमार मिल गया था
नयी DM से मिलने के बाद राहुल के पांव जमीन से खिसक गये ... उसे समझ नहीं आ रहा था कि वो वास्तव में रिया है ,या रिया की हमशक्ल ....
मंयक :- यह रिया ही है दो साल अपनी मौसी के यहां रहकर इसने पढ़ाई करी और सिविल सर्विस की परिक्षाओं को पास कर यहां आज इस इस शहर की डिस्ट्रिक्ट मजिस्ट्रेट है....
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