समय की रफ्तार भी क्या कहीए
एकदम सटीक नियमानुसार
समय अपने समय पर चलता रहा ...
समय कल भी चलायमान था आज भी चलायमान है
रुके तो तुम रह गए ऐ मानव ..
मनुष्य की चाल बदली ढाल बदली
दोष वक्त को दे दिया
वक्त की रफ्तार तो कभी ना बदली
चलना है तो समय के साथ पल -पल साथ चल कर देख
सही समय पर सही कदम उठाकर तो देख ..
वक्त भी तेरा कदरदान होगा
समय के जैसे नियम बनाकर तो देख
वर्ष बीतेगें ...युग बीतेगें इतिहास गवाह होगा
सही समय पर सही कदम उठाकर तो देख
समय और मनुष्य में में एक बङा अंतर रहा
समय युगों में बढता रहा.
मनुष्य तेरी उम्र बढने के साथ पल - पल सांसो की उम्र घटती रही ..
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