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शारदीय नवरात्रे

वातावरण में देवताओं के शंखनाद 

    शुभ मूहुर्त का आगाज 
       भेजी है 
माता रानी ने खुशियों की सौगात ।

शारदीय नवदुर्गा का धरा पर आगमन 

   हर्षित हो झूमे नाचे गाये मन 

बज रहे वीणा के तारों पर सरगम 
  दिन हैं शुभ,बगिया में खिल रही दूब 

     श्रृंगारित वसुन्धरा मन उपवन 

     सुगन्धित पुष्प, धूप आरती 

दीप प्रज्वलित प्रत्येक देवालय घर आंगन 

 शारदीय नवरात्री की महिमा आपार 

 शक्तियों से शक्ति का लेकर अवतार  

अवतरित धरा पर करने भक्तों का उद्धार ..




Comments

  1. जय जगजननी आदिशक्ति अम्बा 🙏

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    1. जय शक्तिस्वरुपा जगतजननी

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प्रेम जगत की रीत है

 निसर्ग के लावण्य पर, व्योम की मंत्रमुग्धता श्रृंगार रस से पूरित ,अम्बर और धरा  दिवाकर की रश्मियां और तारामंडल की प्रभा  धरा के श्रृंगार में समृद्ध मंजरी सहज चारूता प्रेम जगत की रीत है, प्रेम मधुर संगीत है  सात सुरों के राग पर प्रेम गाता गीत है प्रेम के अमृत कलश से सृष्टि का निर्माण हुआ  श्रृंगार के दिव्य रस से प्रकृति ने अद्भूत रुप धरा भाव भीतर जगत में प्रेम का अमृत भरा प्रेम से सृष्टि रची है, प्रेम से जग चल रहा प्रेम बिन कल्पना ना,सृष्टि के संचार की  प्रेम ने हमको रचा है, प्रेम में हैं सब यहां  प्रेम की हम सब हैं मूरत प्रेम में हम सब पले  प्रेम के व्यवहार से, जगत रोशन हो रहा प्रेम के सागर में गागर भर-भर जगत है चल रहा प्रेम के रुप अनेक,प्रेम में श्रृंगार का  महत्व है सबसे बड़ा - श्रृंगार ही सौन्दर्य है -  सौन्दर्य पर हर कोई फिदा - - नयन कमल,  मचलती झील, अधर गुलाब अमृत रस बरसे  उलझती जुल्फें, मानों काली घटायें, पतली करघनी  मानों विचरती हों अप्सराएँ...  उफ्फ यह अदायें दिल को रिझायें  प्रेम का ना अंत है प्रेम तो अन...

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