जो आज अकेला चला है सच की राह पर खङा है जिद्द पर अड़ा है भविष्य में उसके पीछे कारवा चला है। नामुमकिन तो कुछ भी नहीं जो हमारे दायरे से बाहर है उसे पार करने के लिए हदें पार कर चला है नामुमकिन को मुमकिन बनाने के लिए अपने आप से लडा है दुविधाओं को पार करने की जिद्द पर अड़ा है।