सुप्रभात 🙏🌹🙏
नव दिवस नव प्रभात
नव पल्लव नवसृष्टि
मुरझाना अंत तो नहीं
रात्रि मन का विश्राम
मन साध कर एक नयी शुरुआत
एकांत में थकान से वार्तालाप
मन को मिलेगा विश्राम
सुलझेंगी उलझनों की गांठें
तनाव रहित होंगी दिन और रातें
निश दिन देगा जो मन को विश्राम
सुधरेंगे जीवन के कई बिगड़े काम
जीवन हर पल देता एक नया आयाम
बुझे चिराग़ों को श्रद्धांजलि देकर
नव दीपकों का प्रकाश रोशन कर
क्योकि समाज में ना रहे अंधियारा ।।
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